हरियाणा प्रदेश़ / कैथल, 8 अप्रैल। ह्यूमैन राइट्स की प्रदेश अध्यक्ष दीपा शर्मा ने कहा कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर शादियों का अधिक जोर रहता है। इस दौरान बाल विवाहों की भी आशंका बनी रहती है। बाल विवाह को लेकर गांव, वार्ड, खंड स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाना चाहिए। अगर आमजन को बाल विवाह से संबंधित कोई सूचना मिलती है तो वे भी जिला प्रशासन को सूचित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरूआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य लड़कियों को शिक्षा, हुनर और आत्मनिर्भर बनने का मौका देना है ताकि वे अपने हक के लिए आवाज उठा सकें। जब लड़कियों को कानून की जानकारी होगी तो वे बाल विवाह के खिलाफ खड़ी हो सकेंगी। अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर बिना सही जानकारी के कई विवाह हो जाते हैं जिनमें बाल विवाह भी शामिल हो सकते हैं। सरकार द्वारा सभी आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को अपने-अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और वहीं गांव के सरपंचों को भी बाल विवाह रोकने और लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है। समय से पहले विवाह होने से लड़कियों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और भविष्य पर बुरा असर पड़ता है। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक भारत को पूरी तरह बाल विवाह मुक्त बनाया जाए। यह काम तभी संभव होगा जब सभी लोग मिलकर इसमें सहयोग करेंगे। दीपा ने बताया कि सरकार ने चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया पोर्टल शुरू किया है जहां कोई भी व्यक्ति बाल विवाह की जानकारी गोपनीय तरीके से दे सकता है।
अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को, बाल विवाह रोकने के लिए अलर्ट रहें : दीपा शर्मा
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