तेहरान, 17 मई (वेब वार्ता)। अमेरिका ने ईरान के अवैध तेल व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस
प्रतिबंध के कारण करीब दो दर्जन कंपनियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस निर्णय से तिलमिलाए चीन ने आलोचना शुरु की तो ट्रंप
प्रशासन ने साफ कर दिया कि अस्थिरता रोकने के लिए ये प्रतिबंध बेहद जरुरी थे। अमेरिकी वित्त
विभाग ने हाल ही में 20 से अधिक कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिन पर आरोप है कि
उन्होंने अरबों डॉलर की कीमत वाले ईरानी कच्चे तेल को चीन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई यह कार्रवाई ईरान के तेल निर्यात को रोकने और तेहरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की
रणनीति का हिस्सा है ट्रंप प्रशासन के अनुसार ईरान धन का इस्तेमाल क्षेत्रीय अस्थिरता और
आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कर रहा है।
चीन ने इन अमेरिकी प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की है बीजिंग का कहना है कि वाशिंगटन ने अपने
अधिकार क्षेत्र का अवैध रूप से विस्तार किया है, जो वैश्विक व्यापार के मानदंडों को कमजोर करता
है चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये प्रतिबंध न केवल ईरान और चीन के बीच वैध
व्यापारिक संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजारों में अनावश्यक अस्थिरता भी
पैदा करते हैं हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि चीन के लिए इन प्रतिबंधों का जवाब देना आसान
नहीं होगा, क्योंकि वह अपनी अर्थव्यवस्था के लिए अमेरिकी वित्तीय प्रणाली पर निर्भर है।
ये प्रतिबंध उन समूहों को टार्गेट करते हैं जो ईरान के कथित अवैध तेल व्यापार में शामिल हैं, जिसमें
हांगकांग के कई बैंक शामिल हैं, जिन्हें सेपहर एनर्जी की फ्रंट कंपनियों के रूप में आरोपित किया
गया है सेपहर एनर्जी ईरान के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ का एक वाणिज्यिक सहयोगी है सेपहर
एनर्जी ईरान के सैन्य तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसके जरिए तेल से मिलने वाले धन का
इस्तेमाल बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों, ड्रोन डेवलपमेंट, और क्षेत्रीय आतंकवादी समूहों, जैसे यमन के
हूती विद्रोहियों, की फंडिंग के लिए किया जाता है हांगकांग के बैंकों ने कथित तौर पर चीनी स्वतंत्र
रिफाइनरियों, जिन्हें ‘टीपॉट्स’ के नाम से जाना जाता है, को कच्चे तेल की आपूर्ति में मध्यस्थता की
और इससे प्राप्त आय को ईरान वापस भेजा।
अमेरिकी वित्त विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने अप्रैल में हांगकांग बैंकों से मुलाकात की और उन्हें ईरान
के तेल शिपमेंट को चीन भेजने में मदद करने के खिलाफ चेतावनी दी प्रतिनिधिमंडल ने ईरान के
तेल व्यापार से संबंधित लेनदेन में शामिल होने के जोखिमों पर जोर दिया, संभावित प्रतिबंधों और
प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की चेतावनी दी।

