नई दिल्ली, 27 अप्रैल । उच्चतम न्यायालय सोमवारको उस याचिका पर सुनवाई करेगा
जिसमें केंद्र को ओवर द टॉप (ओटीटी) और सोशल मीडिया मंचों पर अश्लील सामग्री के प्रसारण पर
रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में आग्रह किया गया है कि इन मंचों पर अश्लील सामग्री का प्रसारण प्रतिबंधित करने के
लिए राष्ट्रीय सामग्री नियंत्रण प्राधिकरण का गठन करने के दिशा-निर्देश दिए जाने चाहिए।
शीर्ष अदालत की 28 अप्रैल की वाद सूची के अनुसार, याचिका को न्यायमूर्ति बी आर गवई और
न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाएगा।
याचिका में दावा किया गया कि सोशल मीडिया मंचों पर ऐसे पेज या प्रोफाइल हैं जो बिना किसी
फिल्टर के अश्लील सामग्री प्रसारित कर रहे हैं और विभिन्न ओटीटी मंच ऐसी सामग्री प्रसारित कर
रहे हैं जिसमें बाल पोर्नोग्राफी के संभावित तत्व भी होते हैं।
इसमें कहा गया है, ऐसी यौन विकृत सामग्री युवाओं, बच्चों और यहां तक कि वयस्कों के दिमाग
को दूषित करती है। इसके कारण विकृत और अप्राकृतिक यौन प्रवृत्तियां पैदा होती हैं, जिससे अपराध
दर में वृद्धि होती है।
याचिका में कहा गया है कि यदि अश्लील सामग्री के अनियंत्रित प्रसारण पर अंकुश नहीं लगाया गया
तो सामाजिक मूल्यों, मानसिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुरक्षा के संदर्भ में गंभीर परिणाम हो सकते

