गांधीनगर, 17 मई। गुजरात के अहमदाबाद का घटलोडिया विधानसभा क्षेत्र शनिवार को
देशभक्ति के रंग में रंगा नजर आया, जब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भारतीय सेना के
सम्मान में भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। यह यात्रा न केवल ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का
उत्सव थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प और सैन्य पराक्रम का प्रतीक भी बनी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्वयं हाथ में तिरंगा थामकर यात्रा का नेतृत्व किया, जिसके पीछे सैकड़ों की
संख्या में युवा, ग्रामीण और नागरिक चल रहे थे। लापकामन, लीलापुर, खोडियार और आसपास के
गांवों से लोगों की भारी भागीदारी इस बात का प्रमाण थी कि ऑपरेशन सिंदूर ने देश के हर कोने में
राष्ट्रभक्ति की लहर दौड़ा दी है।
भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, “ऑपरेशन सिंदूर भारतीय
सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है, और इसे मनाने के लिए मेरे विधानसभा क्षेत्र
घटलोडिया में आयोजित तिरंगा यात्रा में स्थानीय निवासियों के साथ भाग लेने का अवसर देशभक्ति
की चेतना को जगाने का एक बड़ा अवसर था।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना ने आतंकवाद के
विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनाकर विश्वभर में तिरंगे की शान बढ़ाई है। यह तिरंगा यात्रा देश को
एकजुट करेगी और नागरिकों में ‘राष्ट्रहित सर्वप्रथम’ की भावना को मजबूत करेगी।”
इस जनजागरण की पृष्ठभूमि में 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले की
भयावहता है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की गई थी। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री
मोदी ने आतंकियों को उनकी “कल्पना से बड़ी सजा” देने की बात कही थी— और यही वादा बना
ऑपरेशन सिंदूर का कारण।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों
को ध्वस्त किया, जिसमें 100 से अधिक कुख्यात आतंकवादी ढेर हुए। पाकिस्तान की ओर से जवाबी
हमले की कोशिशें की गईं— ड्रोन और मिसाइलों के ज़रिए बॉर्डर शहरों को निशाना बनाया गया—
लेकिन भारत का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह सतर्क था और सभी हमलों को हवा में ही विफल
कर दिया। इसके बाद भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर पर सीजफायर की घोषणा हुई, और
फिलहाल नियंत्रण रेखा पर शांति कायम है।