हरियाणा प्रदेश / कैथल, 15 अप्रैल।डीसी प्रीति ने बताया कि आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर लोगों द्वारा बड़ी संख्या में विवाह / शादियों का आयोजन किया जाता है, जिसमें बाल विवाह का आयोजन करने की भी संभावना बनी रहती है। बाल विवाह निषेध अधिनियम के अनुसार बाल विवाह करना कानून अपराध है। सभी संबंधित अधिकारी, ग्राम पंचायत तथा वार्ड एमसी सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्र में कोई भी बाल विवाह न होने पाए। इसको लेकर गांव, वार्ड, खंड स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं जाएं। अगर आमजन को बाल विवाह से संबंधित कोई सूचना मिलती है तो वे जिला प्रशासन को सूचित करें।डीसी प्रीति ने बताया कि लड़की की शादी 18 वर्ष व लड़के की शादी 21 वर्ष से पहले की जाती है तो वह कानून अपराध की श्रेणी में आता है। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूलों में प्रार्थना सभा के माध्यम से विद्यार्थियों को तथा पीटीएम के माध्यम से अभिभावकों को इस बारे में जागरूक करें। इसके अलावा सभी ग्राम पंचायतें बाल विवाह को रोकने में प्रशासन का सहयोग करें और सुनिश्चित करें कि उनके गांव में कोई भी बाल विवाह की घटना न होने पाए। उन्होंने जिला बाल संरक्षण ईकाई के अधिकारियों को सामूहिक विवाह आयोजित करने वाली सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से समन्वय स्थापित करने का आह्वान किया। डीसी ने संबंधित अधिकारियों को अक्षय तृतीया को लेकर सतर्क रहने तथा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने पुजारियों, हलवाई, टैंट हाउस, बैंड पार्टी, प्रिंटिंग प्रेस तथा अन्य प्रकार की सेवाएं देने वाले सभी प्रदाताओं के साथ बैठक करने का आह्वान भी किया। उन्होंने आमजन को कहा कि जिले में कहीं पर भी बाल विवाह जानकारी मिलती है तो 1098, 112, 181, 01746 235130 तथा 9813453138 नंबर पर सूचना दें। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
आगामी 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया, संबंधित अधिकारी बाल विवाह को लेकर रहें अलर्ट : डीसी
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