इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल 22 अप्रैल : स्थानीय आर.के.एस.डी. महाविद्यालय में ‘आधुनिक समय में संस्कृत भाषा का महत्व’ विषय पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान एवं रचनात्मक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सत्यबीर मेहला और मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिष्ठित आचार्य महावीर प्रसाद विद्यावाचस्पति ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। सम्मानित अतिथि के रूप में सरदार गुरमुख सिंह वड़ैच भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ. सत्यबीर मेहला ने मुख्य वक्ता और सम्मानित अतिथि का अभिनंदन करते हुए संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी और एक पूर्णतः वैज्ञानिक भाषा बताया।अपने सारगर्भित संबोधन में आचार्य महावीर ने संस्कृत भाषा के व्यापक ज्ञान भंडार और विज्ञान के अटूट संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यद्यपि वर्तमान में यह भाषा आम बोलचाल में नहीं है, तथापि इसमें निहित ज्ञान और विज्ञान के कारण आज भी पूरा विश्व भारत की ओर आशा भरी नज़रों से देख रहा है। उन्होंने आयुर्वेद, गणित, धनुर्वेद, रसायन विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान और भौतिक विज्ञान जैसे विविध विषयों के सूक्ष्म सूत्रों का उल्लेख करते हुए बताया कि संस्कृत भाषा न केवल ज्ञान बल्कि विश्व शांति का मार्ग भी प्रशस्त करती है। उन्होंने ब्रह्मांड के सभी तत्वों के ज्ञान को समाहित करने वाली इस भाषा की महत्ता पर जोर दिया।इस अवसर पर, महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के ‘जम्मू वृक्ष’ नामक नाटक, जिसने युवावस्था महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त किया था, की विशेष सराहना की गई। हरियाणा संस्कृत अकादमी, पंचकूला द्वारा ब्रह्मा सरोवर के तट पर प्रस्तुति के लिए आमंत्रित इस नाटक के कलाकारों को ₹10,000 की पुरस्कार राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिसका वितरण इसी कार्यक्रम में किया गया। प्राचार्य डॉ. सत्यबीर मेहला ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई दी।संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसके निर्णायक मंडल में हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विजेंद्र कुमार और डॉ. दीपशिखा भारद्वाज शामिल रहे। इसके अतिरिक्त, संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।कार्यक्रम में सरदार गुरमुख सिंह वड़ैच ने अपने मधुर संस्कृत गीतों और हरियाणवी रागनी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि डॉ. दीपिका भारद्वाज ने अपनी हास्य कविता से सभी को खूब हंसाया। सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. अशोक खत्री ने संस्कृत नाटक के सभी कलाकारों को बधाई दी और संस्कृत अकादमी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. विनय सिंहल ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय प्रबंधन समिति, प्राचार्य डॉ. सत्यबीर मेहला और आचार्य महावीर शास्त्री का विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का कुशल संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के प्रोफेसर सुमित कुमार ने किया।इस अवसर पर डॉ. दीपशिखा, डॉ. विजेंद्र, डॉ. अशोक खत्री सहित अनेक विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत कुमारी मुस्कान, महक, अंजलि और खुशी द्वारा प्रस्तुत मधुर सरस्वती वंदना से हुई।