पंचाग के मुताबिक हर वर्ष भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। महिलाओं और कन्याओं के लिए ये व्रत बेहद ही खास होता है। इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है विधि-विधान के साथ इस व्रत को रखने से भगवान शिव और मां पारवती का आशीर्वाद मिलता है और दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर दोपहर 12:21 पर शुरू होगी और 6 सितंबर 2024 सायं 03:01 पर इसका समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार ये व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। इस बार की हरतालिका तीज बेहद ही शुभ है। हरतालिका तीज के दिन शुक्ल योग और हस्त नक्षत्र का संयोग बनने जा रहा है.पूजा शुभ मुहूर्त- 6 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से सुबह 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा..सबसे पहले सुबह उठकर ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें। इसके बाद सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें। फिर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। पूजा के दौरान देवी पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं।ऊं उमायै नम:ऊं पार्वत्यै नम:
ऊं जगद्धात्र्यै नम: ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम: ऊं शांतिरूपिण्यै नम: ऊं शिवायै नम:

