Saturday, December 6, 2025
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ईरानी विदेश मंत्री अराघची की अमेरिका को दो टूक, बोले- हम अपने परमाणु अधिकार नहीं छोड़ेंगे

दोहा, 11 मई  । ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अराघची ने ओमान में अपनी ‘अप्रत्यक्ष

वार्ता’ के चौथे दौर से एक दिन पहले स्पष्ट कर दिया कि उनका देश अमेरिका के साथ वार्ता में

अपने परमाणु अधिकारों को लेकर अटल रहेगा।

सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि शनिवार को दोहा में चौथे अरब-ईरानी वार्ता सम्मेलन में

अराघची ने दोहराया कि ईरान हमेशा से परमाणु अप्रसार का प्रतिबद्ध सदस्य रहा है और यूरेनियम

संवर्धन सहित परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के अपने अधिकार को बनाए रखता है।

उन्होंने पुष्टि की, “हम परमाणु हथियार नहीं चाहते हैं और सामूहिक विनाश के हथियारों का ईरान के

सुरक्षा सिद्धांत में कोई स्थान नहीं है। यही इस कारण से, हम पश्चिम एशियाई क्षेत्र को परमाणु-

हथियार-मुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में आगे बढ़े। 

अराघची ने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ-साथ अन्य देशों के साथ सद्भावनापूर्वक बातचीत करना

जारी रखेगा। उन्होंने कहा, “यदि इन वार्ताओं का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ईरान परमाणु

हथियार हासिल न करे, तो यह पूरी तरह से प्राप्त करने योग्य है, और समझौता आसानी से हो सकता है। 

हालांकि, यदि लक्ष्य ईरान को उसके परमाणु अधिकारों से वंचित करना या अन्य अवास्तविक मांगें

थोपना है, तो ईरान इनमें से किसी भी अधिकार से पीछे नहीं हटेगा। ईरान ने बार-बार कहा है कि

यूरेनियम संवर्धन का उसके अधिकार पर किसी तरह की बात नहीं हो सकती है और उसने कुछ

अमेरिकी अधिकारियों के “शून्य संवर्धन” की मांग को खारिज कर दिया है।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार

में कहा कि अमेरिका के साथ किसी भी समझौते के तहत ईरान की “संवर्धन सुविधाओं को खत्म करना होगा। 

ट्रंप ने तेहरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 के समझौते से खुद (अमेरिका) को अलग कर

लिया है। पश्चिमी देशों का मानना है कि अब 2015 के समझौते के लगभग निष्क्रिय होने के बाद

ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को तेज कर दिया है और इसका उद्देश्य हथियारों का उत्पादन

करना है जबकि ईरान का कहना है कि यह पूरी तरह से नागरिक उद्देश्यों के लिए है।

हालांकि, तेहरान नियमित रूप से इजरायली शहरों को ध्वस्त करने की धमकी देता है और वर्तमान में

यूरेनियम को ऐसे स्तरों तक समृद्ध कर रहा है जिसका नागरिक उपयोग नहीं किया जा सकता।

अराघची ने दावा किया, “अमेरिका के साथ हम सीधी बातचीत नहीं कर रहे हैं, लेकिन ईरान परमाणु

ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के अपने अधिकार पर जोर देता है और स्पष्ट रूप से घोषणा करता है कि

वह परमाणु हथियार नहीं चाहता है। ईरान सद्भावनापूर्वक वार्ता जारी रखता है, लेकिन अगर हमारा

अधिकार छीनने की कोशिश हुई, तो हम कभी नहीं मानेंगे। ईरान अपने अधिकारों से कभी पीछे नहीं हटेगा। 

इस मामले से परिचित एक सूत्र ने बताया कि विटकॉफ रविवार को अराघची के साथ ओमानी

मध्यस्थता वाली वार्ता के चौथे दौर के लिए ओमान की यात्रा करने वाले थे।

चौथे दौर की वार्ता, जो शुरू में 3 मई को रोम में होने वाली थी, को मध्यस्थ ओमान द्वारा “तार्किक

कारणों” का हवाला देते हुए स्थगित कर दिया गया।

उनकी यह यात्रा ट्रंप की मध्य पूर्व यात्रा से पहले की है। ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की पहली बड़ी

मध्य पूर्व यात्रा पर 13 से 16 मई तक सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात का दौरा करने

वाले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस यात्रा पर इजरायल जाने की उम्मीद नहीं है।

ईरानी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों ने अब तक तीन दौर की सीधी बातचीत की है – पहली और

तीसरी 12 अप्रैल और 26 अप्रैल को ओमान की राजधानी मस्कट में और दूसरी 19 अप्रैल को इटली के रोम में।

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