दुबई, 16 अप्रैल (वेब वार्ता)। ईरान के राष्ट्रपति ने अपने उन उपराष्ट्रपति में से एक के इस्तीफे को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है, जो दुनिया के ताकतवर देशों के साथ 2015 के परमाणु समझौते में तेहरान की ओर से प्रमुख वार्ताकार थे। राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की मंगलवार देर रात मोहम्मद जवाद जरीफ के संबंध में घोषणा ऐसे समय में आई है, जब ईरान अपने तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ दूसरे दौर की वार्ता की तैयारी कर रहा है। इस बीच, बुधवार से शुरू होने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी की यात्रा में इस बात को लेकर वार्ता शामिल हो सकती है कि किसी प्रस्तावित सौदे के तहत उनके निरीक्षकों को क्या पहुंच मिल सकती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार धमकी दी है कि यदि कोई समझौता नहीं हुआ तो वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर हवाई हमले करेंगे। ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को समृद्ध करके परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर सकते हैं। पेजेशकियन ने जरीफ के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए उनकी प्रशंसा की। जरीफ ने पिछले साल चुनाव में पेजेशकियन के प्रमुख समर्थक के रूप में काम किया था। जरीफ ने मार्च में पेजेशकियन को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। राष्ट्रपति ने हालांकि इस पत्र का तुरंत जवाब नहीं दिया था। लेकिन मंगलवार देर शाम राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पेजेशकियन ने जरीफ को एक पत्र लिखा है जिसमें उनकी प्रशंसा की गई है, लेकिन उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘पेजेशकियन ने इस बात पर जोर दिया कि कुछ मुद्दों के कारण उनका प्रशासन अब जरीफ के बहुमूल्य ज्ञान और विशेषज्ञता से लाभ नहीं उठा सकता है।’’ इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को अमेरिका को वार्ता में विरोधाभासी रुख अपनाने के प्रति चेतावनी दी।
ईरान के राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति मोहम्मद जवाद जरीफ का इस्तीफा स्वीकार किया
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