Sunday, December 7, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeनई ‎दिल्लीउच्चतम न्यायालय बेंगलुरू पैलेस ग्राउंड टीडीआर विवाद पर मंगलवार को विचार करेगा

उच्चतम न्यायालय बेंगलुरू पैलेस ग्राउंड टीडीआर विवाद पर मंगलवार को विचार करेगा

नई दिल्ली, 26 मई  । उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अधिग्रहित बेंगलुरू

पैलेस ग्राउंड की 15 एकड़ से अधिक अधिग्रहित भूमि के लिए श्रीकांतदत्त नरसिंहराजा वाडियार और

अन्य के कानूनी उत्तराधिकारी के पक्ष में 3,400 करोड़ रुपये से अधिक के हस्तांतरणीय विकास

अधिकार प्रमाण पत्र (टीडीआर) जारी करने के अदालती फैसले को चुनौती देने वाली कर्नाटक सरकार

की नई याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की‌ आंशिक कार्य दिवस

(अवकाश कालीन) पीठ ने राज्य सरकार की के शीघ्र सुनवाई करने के अनुरोध को स्वीकार किया।

पीठ ने यह पूछते हुए कि वह किसी अन्य पीठ द्वारा दायर अपील पर कैसे विचार कर सकती है,

मामले पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की। पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने

सरकार की ओर से उल्लेख किया था।

बेल्लारी और जयमहल रोड को चौड़ा करने के लिए अधिग्रहित बेंगलुरू पैलेस ग्राउंड की 15 एकड़ से

अधिक भूमि के बदले हस्तांतरणीय विकास अधिकार प्रमाण पत्र जारी के शीर्ष अदालत के 22 मई के

एक फैसले के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने नई याचिका दायर की है।

शीर्ष अदालत को सूचित किया गया कि टीडीआर शुक्रवार को ही सौंप दिए गए थे और सभी

प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद निर्देश पारित किया गया था। यह भी प्रस्तुत किया गया कि

मामला तब से निरर्थक हो गया है।

हालांकि श्री सिब्बल ने पूछा जब अधिनियम लागू नहीं होता है, तो कानून में टीडीआर कैसे दिया जा

सकता है, टीडीआर 2004 में ही लागू हुआ था। उन्हें पूर्वव्यापी रूप से कैसे दिया जा सकता है। 

शीर्ष अदालत की न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और अरविंद कुमार की पीठ ने 22 मई को कर्नाटक

सरकार की सभी दलीलें खारिज करते हुए टीडीआर जारी करने का फैसला सुनाया था।

इसके बाद अदालत ने श्रीकांतदत्त नरसिंहराज वाडियार और अन्य के कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा दायर

अवमानना ​​याचिकाओं का निपटारा किया था। वाडियार और अन्य का पक्ष अधिवक्ता नयना तारा

बी जी और अन्य ने रखा था।

कर्नाटक सरकार ने टीडीआर जारी करने पर शीर्ष अदालत के 10 दिसंबर 2024 के आदेश के बाद 29

जनवरी, 2025 को बैंगलोर पैलेस (भूमि का उपयोग और विनियमन) अध्यादेश 2025' को

अधिसूचित किया। इसमें बेंगलुरु शहर के मध्य स्थित विवादित पैलेस भूमि के कुछ हिस्सों को

अधिग्रहित न करने का अधिकार सुरक्षित रखा गया है।

सरकार ने एक अलग आवेदन दायर कर सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया कि वह बैंगलोर पैलेस

(अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1996 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 1997 की

सिविल अपील पर विचार करे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments