Saturday, December 6, 2025
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उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में भूस्खलन से दो तीर्थयात्रियों की मौत, चार घायल

रुद्रप्रयाग / उत्तराखंड 31 मई  । रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण हुए

दुखद हादसे में केदारनाथ तीर्थयात्रियों को ले जा रहे एक वाहन के चालक सहित दो लोगों की मौत

हो गई और चार अन्य घायल हो गए।

यह घटना शुक्रवार देर शाम रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर काकरागाड़ के

पास घटी। केदारनाथ मंदिर जा रहे वाहन पर पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर गिरा। इस वाहन में सवार

सभी लोग छत्तीसगढ़ के थे।

जिला प्रशासन के मुताबिक, दुर्घटना के समय वाहन में चालक समेत छह लोग सवार थे। चालक की

पहचान 38 वर्षीय राजेश रावत के रूप में हुई है, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य यात्री

शैलेन्द्र कुमार की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई।

घायलों में लक्ष्मण सिंह (24),ओमकार सिंह (24),विपेश यादव (19) और चित्रांश साहू को

अगस्त्यमुनि के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन सबका इलाज चल रहा है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) नंदन सिंह राजवार ने हादसे की पुष्टि की और कहा कि

पुलिस और जिला आपदा प्रतिक्रिया बल (डीडीआरएफ) के कर्मियों सहित बचाव दल घटना की सूचना

मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर उत्तराखंड में पहाड़ी सड़कों पर भूस्खलन की आशंका को उजागर कर

दिया है, विशेषकर तीर्थयात्रा के मौसम के दौरान जब केदारनाथ मार्ग पर यातायात बढ़ जाता है।

अधिकारियों ने यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है तथा उनसे प्रशासन की ओर से जारी

मौसम और सड़क की स्थिति के बारे में अद्यतन जानकारी पर नजर रखने का आग्रह किया है।

उधर, देहरादून में शनिवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से आपदा प्रबंधन

को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया।

इस दौरान आपदा से बचाव के साथ ही मानसून-2025 की तैयारियों पर मंथन किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्‍य में हर वर्ष मानसून के समय में अनेक

आपदाओं का सामना करना पड़ता है। राज्‍य में भूस्खलन,हिमस्खलन,अत्यधिक बारिश के कारण

काफी नुकसान होता है। इन सब के लिए हमारी तैयारियां पूरी हो जाएं।

उन्‍होंने कहा कि जो भी विभाग आपदा प्रबंधन में काम करते हैं उन सब की मॉक ड्रिल पहले हो

चुकी है। शनिवार को सभी जिलों को अधिकारियों और शासन के प्रमुख अधिकारी, केंद्र और राज्‍य

सरकार की एजेंसियां मिलकर मानसून से पहले की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि आपदाओं को हम रोक नहीं सकते,लेकिन उसके प्रभाव को कम जरूर कर सकते हैं।

इसी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

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