Sunday, June 15, 2025
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उत्तर प्रदेश : कानून के शासन में बार-बेंच के साथ ही वादकारी का भी बड़ा महत्व : मुख्यमंत्री योगी

प्रयागराज, 31 मई   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति

भूषण रामकृष्ण गवई की उपस्थिति में शनिवार को हाईकोर्ट परिसर में 680 करोड़ से बने अधिवक्ता

चैंबर्स व पार्किंग भवन के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र

मोदी के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में आयोजित कार्यक्रम को याद करते हुए बताया कि तब पीएम

ने कहा था कि सुशासन की पहली शर्त रूल ऑफ लॉ है। सीएम ने कहा कि कानून के शासन में बार-

बेंच के साथ ही वादकारी का महत्व भी उतना ही है। सीएम ने अधिवक्ताओं का दर्द बयां किया और

कहा कि टूटे चैंबर व पेड़ के नीचे बैठने के साथ ही अधिवक्ता हर विपरीत परिस्थिति में कार्य करते

हुए न्याय की जद्दोजहद करते दिखते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन गौरवमयी है। आज लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं

जयंती है। यह वर्ष भारत के संविधान को लागू होने का अमृत महोत्सव वर्ष भी है। प्रयागराज यूपी में

भारत के विरासत की भूमि है। यह भूमि प्राचीन काल से ही मां गंगा, यमुना व सरस्वती की त्रिवेणी

के साथ ही आधुनिक भारत के धर्म, ज्ञान व न्याय की भूमि के रूप में देश-दुनिया का ध्यान

आकर्षित करती है। प्रयागराज की भूमि महाकुम्भ की भी भूमि है। यहां के संगम में डुबकी लगाकर

हर भारतीय ने अपने विरासत से खुद को जोड़कर गौरव की अनुभूति की। सीएम योगी ने कहा कि

मल्टीलेवल पार्किंग बनती है, लेकिन कोई जाता नहीं है। बार-बार अर्बन बॉडीज से कहता हूं कि यह

तभी सफल होगी, जब उसके कुछ स्पेस का कॉमर्शियल उपयोग होगा। विकास प्राधिकरण ने छह वर्ष

पहले गोरखपुर में मल्टीलेवल पार्किंग बनाई, वो चली नहीं। मैंने कहा कि इसके अंतिम दो फ्लोर में

कॉमर्शियल स्पेस देकर इसे संचालित कीजिए। जैसे ही यह हुआ, आज पूरा कॉम्प्लेक्स फुल है। जो

लोग सड़कों पर वाहन खड़ा करते थे, वे कॉम्प्लेक्स में वाहन खड़ा करते हैं और वहां जाकर सुविधाओं

का आनंद लेते हैं।

सीएम योगी ने बेहतरीन व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि यहां मल्टीलेवल पार्किंग के साथ

अधिवक्ता चैंबर्स, कैफेटेरिया, आधुनिक किचन, कॉन्फ्रेंस की भी सुविधा मिली है। इंफास्ट्रक्चर के लिए

यह नया मॉडल हो सकता है। जब हम लोग आए थे तो यूपी के 10 जिलों में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट नहीं थे।

नक्शा कभी मुख्य न्यायाधीश तो कभी हम लोगों को पसंद नहीं आता था। फिर हमने कार्यदायी

संस्थाओं से कहा कि ऐसा बनाओ, जो मॉडल हो। इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स बनाने के साथ उसमें

पार्किंग व अधिवक्ता चैंबर्स बनाइए। जो प्रपोजल हमने दिया था, उसमें से सात जिलों को यहां से

अप्रूवल मिल चुका है, उसके लिए 1700 करोड़ जारी कर चुके हैं। तीन अन्य जिलों के मामलों का भी

न्यायालय से निस्तारण हो चुका है। उन्हें भी हम उन जिलों में दे रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स जब बनेगा तो वादकारी को न्यायिक कार्य से जुड़ी

सभी सुविधाएं एक छत के नीचे ही मिलेंगी। अधिवक्ताओं के लिए चैंबर्स व कार पॉर्किंग भी होगी।

न्यायिक अधिकारियों के लिए आवास की सुविधा भी होगी। अच्छे कॉम्प्लेक्स के निर्माण में जो

प्रयास प्रारंभ हुआ है, वह मॉडल बनेगा। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर जनपदीय न्यायालयों में

अधिकाधिक सुविधाएं उपलब्ध कराने और अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।

सीएम ने बताया कि अधिवक्ता निधि की राशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख, आयु सीमा 60 से

बढ़ाकर 70 वर्ष कर दिया है। कॉर्पस फंड 500 करोड़ अलग से दिया है। किसी अधिवक्ता के साथ

घटना-दुर्घटना होने पर न्यासी समिति उस परिवार के लिए इस पैसे का सदुपयोग करेगी। नए

अधिवक्ताओं को पहले तीन वर्ष तक जनरल, मैग्जीन व पुस्तकों के लिए सहायता उपलब्ध करा रही है।

सीएम योगी ने बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर आश्वस्त करता है कि न्याय की गति इतनी ही तेजी से बढ़कर

प्रगति को नया आयाम देगी। प्रयागराज में महाकुम्भ सफलतापूर्वक हुआ। देश-विदेश के 66 करोड़ से

अधिक श्रद्धालु अभिभूत होकर गए। इसमें बड़ी भूमिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय की भी थी। पूरा

कार्यक्रम कुशलतापूर्वक सम्पन्न हुआ, जिससे प्रयागराज को नई पहचान मिली। सभी लोग मिलकर

एक साथ बाबा साहेब के बनाए गए संविधान की भावनाओं के अनुरूप जिम्मेदारियों का निर्वहन कर

पाएंगे तो परिणाम लाए जा सकते हैं।

सीएम ने कहा कि मल्टीलेवल पार्किंग व अधिवक्ता चैंबर्स बहुत शानदार बने हैं। सीएम ने आश्वस्त

किया इसके एक्सटेंशन के लिए जो भी धनराशि लगेगी, बहुत जल्द वह उपलब्ध होगी। जिससे न्याय-

ज्ञान की भूमि व धर्म की धरा में और भी बेहतर कर पाएंगे और इससे यूपी के वादकारियों को

समयबद्ध तरीके से न्याय प्राप्त हो सकेगा।

इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके

माहेश्वरी, जस्टिस पंकज मित्तल, जस्टिस मनोज मिश्र, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

जस्टिस अरुण भंसाली, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय,

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, यूपी के एडवोकेट जनरल अजय कुमार मिश्र आदि मौजूद रहे।

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