नई दिल्ली, 23 मई । दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली
है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उन सभी 7 याचिकाओं को वापस लेने की अनुमति दे दी है, जो
पिछली सरकार ने एलजी के खिलाफ दायर की थीं। इस मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में
सुनवाई हुई। बता दें कि दिल्ली में पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने एलजी के अधिकारों और
शक्तियों को चुनौती सहित अलग-अलग 7 याचिकाएं दायर की थीं। इनमें यमुना की सफाई से जुड़े
मामले के साथ ही सरकार के अलग-अलग विभागों और फैसलों में एलजी की शक्तियों और भूमिका
को चुनौती दी गई थी। बीते गुरुवार को दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में इन याचिकाओं को
वापस लेने की अर्जी लगाई गई।
याचिकाएं वापस लेगी दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की
बेंच ने शुक्रवार के लिए लिस्टेड किया था। बीते गुरुवार को दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुई
सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया था कि अर्जी में सुप्रीम
कोर्ट में लंबित 7 याचिकाओं को वापस लेने की मांग की गई है, जिसमें सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट,
यमुना की सफाई समेत कई कमेटियों में एलजी के अधिकारों को चुनौती दी थी।
2023 में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर लगाई थी रोक
दिल्ली सरकार की ओर से वापस ली जाने वाली याचिकाओं में से एक याचिका में सुप्रीम कोर्ट की
ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी के आदेश पर लगाई थी। इसमें दिल्ली के एलजी को
यमुना नदी के पुनर्जीवन से जुड़े मामलों से निपटने के लिए बनाई गई हाई लेवल कमेटी का अध्यक्ष
बनाने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि दिल्ली की पिछली सरकार (आप) ने एनजीटी अधिनियम
की धारा 22 के तहत इस नियुक्ति को चुनौती दी थी। इसमें तत्कालीन सरकार की ओर से कहा गया
था कि यह नियुक्ति दिल्ली के प्रशासन को कंट्रोल करने वाली संवैधानिक योजना का उल्लंघन करता है।

