Sunday, June 15, 2025
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एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनांस

फाइल फोटो..

एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनांस अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम है। इस कोर्स के तहत छात्रों को

बैंकिंग एवं फाइनांस के गुर तो सिखाए ही जाते हैं। फाइनेंस और बैंकिंग इंडस्ट्री से संबंधित टेक्निकल

स्किल की समझ भी छात्रों में विकसित की जाती हैं। जैसे बैंकिंग और वित्त से संबंधित प्रासंगिक

मुद्दे, प्रबंधन, संगठनात्मक और व्यावहारिक सिद्धांत, इस कोर्स से संबंधित कानूनी जानकारी,

आर्थिक, बैंकिंग और वित्त अवधारणाओं की महत्ता, इससे संबंधित वर्तमान वैकल्पिक और तकनीकी

भाषा की समझ अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भी विकसित की जाती है।

मौजूदा समय में भारत का बैंकिंग, फाइनेंशियल और इंश्योरेंस सेक्टर 1.31 ट्रिलियन डॉलर का है

और आने वाले दस सालों में यह सेक्टर 20 लाख लोगों को रोजगार देने जा रहा है। ऐसा करके

भारत का बीएफएसआई सेक्टर वॉल्यूम एंड एम्प्लॉयमेंट में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सेक्टर बन

जाएगा। इसलिए वे छात्र जो अभी तक अपना करियर नहीं समझ पाएं हैं, उनके लिए यह सेक्टर

बेहतरीन मौका लेकर आया है।बैंकिंग क्षेत्र में योग्य पेशेवर छात्रों की जरूरत होती है। यहां ऐसे लोग

फिट बैठते हैं जो व्यावहारिक रूप से परिस्थितियों को संभाल सकें, त्वरित निर्णय लेने वाले हों, उनमें

चीजों को बारीकी से समझने की, सोचने की और उस पर सही तर्क रखने की क्षमता हो।

कोर्स: जानकार बताते हैं कि एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनांस के तहत बैंकिंग ऑपरेशन,

फाइनांशियल मैनेजमेंट, फाइनेंशिल मार्केट एंड इंस्टीच्यूशन, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, पोर्ट फोलियो

मैनेजमेंट, रिसर्च मेथड एंव इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्ट, ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर के बारे में क्रमवार पढ़ाया जाता है।

बैंकिंग ऑपरेशन: बैंकिंग एंड फाइनेंस डिग्री प्रोग्राम के तहत बैंकिंग ऑपरेशन की जानकारी बेहद

जरूरी है। इस मॉड्यूल में छात्रों को बैंकिंग ऑपरेशन से संबंधित तथ्यों की जानकारी दी जाती है। इस

विषय के अंतर्गत छात्रों को बैंकिंग ऑपरेशन, रिव्यू, कंपटेटिव स्ट्रेटेजीज और बैंक सर्विस के के बारे में

भी बताया जाता है। इसके तहत तेजी से उभरती खुदरा नीति और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग के बारे में भी

जानकारी दी जाती है।

फाइनांशियल मैनेजमेंट: इस विषय का उद्देश्य छात्रों को बिजनेस और फाइनेंस के वैचारिक ढांचे की

समझ विकसित करना है। इसके अलावा, बिजनेस फाइनेंस का विश्लेषण और मूल्यांकन व्यावहारिक

स्तर पर कैसे किया जाए, इसकी जानकारी दी जाती है। इस विषय का उद्देश्य यह भी बताना है कि

कैसे फाइनेंशियल मैनेजमेंट फंड के उपयोग में सहायक हो सकती है। फाइनेंशिल मैनेजमेंट के अंतर्गत

निवेश के फैसले और लाभांश नीति के महत्वपूर्ण फैसले लेना और इससे संबंधित थ्योरी और

प्रैक्टिकल भी शामिल है।

फाइनांशियल मार्केट: इस मॉडयूल का उद्देश्य विभिन्न वित्तीय मार्केट, उपकरणों, इंस्ट्रुमेंट्स और

संस्थाओं के बारे जानना है।

इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट: यह मॉडयूल छात्रों को यह बताता है कि कैसे बैंकिंग और फाइनेंस के सिद्धांतों

को लागू किया जाए। कोर्स में इसके संबंध में संपूर्ण जानकारी दी जाती है।

ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर: ऑर्गेनाजेशन बिहेवियर हमारे जीवन में एक नागरिक के रूप में, एक

उपभोक्ता के रूप में और एक कर्मचारी के रूप में बहुत ही महत्वपूर्ण रेाल अदा करता है।

ऑर्गेनाइजेशन बिहेवियर न सिर्फ खुद के बारे में, बल्कि अन्य लोगों के बारे में भी जो कार्य से जुड़े

हों उनसे कैसे संबंध बनाया जाए, यह जानकारी देता है। यह कोर्स यह सुविधा भी प्रदान करता है कि

कैसे अपने साथियों, मातहतों और सहयोगियों के साथ काम करना चाहिए। यह कोर्स एक प्रभावी और

सफल प्रबंधक बनने में आपकी मदद करेगा।

रिसर्च: यह कोर्स एकेडमिक रिसर्च के लिए एक परिचय के रूप में कार्य करता है। इसका उद्देश्य

छात्रों को साइंटिफिक मेथड और डिजाइन रिसर्च में आवश्यकतानुसार शामिल करने की समझ

विकसित करना है। साथ ही इस कोर्स का मकसद छात्रों को रिसर्च टूल्स और मेथडोलॉजी के साथ

परिचित कराना भी है।

योग्यता: एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनांस में दाखिले के लिए छात्र को किसी भी संकाय-

साइंस, आट्र्स, कॉमर्स-में विषय के तहत 50 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण होना चाहिए। कई संस्थान

एससी/एसटी और ओबीसी को 5 फीसदी तक की छूट भी प्रदान करते हैं। इसमें भले ही कोई इस

मानक को पूरा करने वाला पढ़ाई कर सकता है लेकिन संस्थान छात्रों को सलाह देते हैं कि वही इस

तरफ का रुझान करे जिसकी दिलचस्पी फाइनेंस में हो। आजकल इस विषय में दो साल एमबीए करने

के बजाय लोग पीजी डिप्लोमा को तरजीह देते हैं क्योंकि एक साल के कोर्स के बाद ही उन्हें बैंकों में

अच्छी नौकरी मिल जाती है।

अवसर एवं सैलरी: इस तरह के प्रोफेशनल लोगों की जरूरत बहुत सारे एमएनसी, निजी बैंकों और

वित्तीय संस्थानों में होती है। ये लोग कोर्स के बाद छात्रों को अपने यहां नौकरी का ऑफर देते हैं।

शुरुआत में इनकी ओर से न्यूनतम पैकेज 20 से 30 हजार रुपए मासिक दिया जाता है। यह धीरे-

धीरे अनुभव के आधार पर बढ़ता जाता है। बहुत सारे छात्रों को कॉलेज कैंपस से ही आकर कंपनियां

सिलेक्ट कर लेती हैं।

प्रमुख संस्थान…

1.इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, राजेन्द्र नगर, नई दिल्ली।

2.इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय, मैदान गढ़ी, दिल्ली।

3.अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश।

4.गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली।

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