Sunday, June 15, 2025
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एस.यू.सी.आई. पार्टी के 78वें स्थापना दिवस पर राज्य स्तरीय जनसभा 27 को रोहतक

कहा: तंगहाली व कर्ज में डूब कर किसान-मजदूर आत्महत्या करने को मजबूर..

इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, / ढांड, 23 अप्रैल  : एस.यू.सी.आई. (कम्युनिस्ट) के 78वें स्थापना दिवस पर राज्य स्तरीय जनसभा 27 अप्रैल को श्री कृष्ण धर्मशाला रोहतक में होगी। जिसकी अध्यक्षता कामरेड अनूप सिंह मातनहेल, सदस्य राज्य सचिव मंडल करेंगे, मुख्य वक्ता कामरेड प्रताप सामल सदस्य केंद्रीय कमेटी एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) होंगे। अन्य वक्ता कामरेड राजेंद्र सिंह हरियाणा राज्य सचिव एस.यू.सी.आई. (कम्युनिस्ट) रहेंगे। यह जानकारी पार्टी के जिला सचिव कामरेड राजकुमार सारसा ने जारी बयान में दी। इसकी तैयारी को लेकर पार्टी कार्यालय में मीटिंग की गई। पार्टी के जिला सचिव ने कहा कि इस वर्ष हम सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर आफ इंडिया कम्युनिस्ट के 78वें स्थापना दिवस पर रोहतक में जनसभा करने जा रहे हैं। पार्टी की स्थापना 24 अप्रैल 1948 को इस युग के अग्रणी मार्कसवादी चिंतक और सर्वहारा वर्ग के महान नेता कामरेड शिवदास घोष ने की थी। वे आजादी आंदोलन में क्रान्तिकारी धारा के सेनानी थे। उन्होंने बताया था कि सन् 1947 में देश राजनीतिक रुप से तो आजाद हो गया था लेकिन क्रान्तिकारियों व शहीदों का मानव द्वारा मानव के शोषण से जन मुक्ति का सपना पूरा नहीं हुआ। राज-काज की बागडोर अंग्रेज साम्राज्यवादियों के हाथों से निकलकर भारतीय पूंजीपतियों के हाथों में आ गई। इसका प्रमुख कारण यह रहा कि आजादी आंदोलन को सही दिशा देने के लिए देश में कोई सही कम्युनिस्ट पार्टी नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस कमी को पूरा करने के लिए  कामरेड शिवदास घोष ने देश में सही क्रान्तिकारी पार्टी एस.यू.सी.आई. (कम्युनिस्ट) बनाने का बीड़ा उठाया था। यही कारण है कि आज देश की अधिकतर धन-दौलत कुछ मु_ीभर पूंजिपतियों के पास जमा हो गई है। उन्होंने आम आदमी को बुरी तरह से चूस कर कंगाल व करजवान बना दिया है। महंगाई-बेरोजगारी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। भुखमरी, कंगाली, तंगहाली व कर्ज में डूब कर किसान-मजदूर आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि कृषि बाजार की राष्ट्रीय नीति का मसौदा सरकार द्वारा तीन काले कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से फिर से लाने की नापाक कोशिश है। बड़े संघर्षों से हासिल 29 श्रम कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोड लागू कर दिये ये श्रम कानूनों का खुला उलंघन है।  पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं किया जा रहा है। इस प्रोग्राम में जिला से भी काफी संख्या महिला-पुरुष हिस्सा लेंगे। मीटिंग में राज्य कमेटी सदस्य कामरेड बाबू राम, दर्शन सिंह, कृष्ण चंद, सुभाषचन्द्र आदि शामिल रहे।

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