Saturday, December 6, 2025
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कोरोना अलर्ट: दिल्ली-महाराष्ट्र समेत कई राज्य हुए सतर्क, अस्पतालों को तैयार रहने के निर्देश

नई दिल्ली, 24 मई  । देश में एक बार फिर कोविड-19 संक्रमण ने दस्तक दी है। नया

वेरिएंट जेएन.1 धीरे-धीरे अपना असर दिखा रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात सहित कई राज्यों में

कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर हैं।

अस्पतालों को ऑक्सीजन, दवाएं, बेड और वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश

जारी कर दिए गए हैं।

जानकारी अनुसार महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले बढ़ते दिखे हैं, इसमें भी मुंबई सबसे अधिक

प्रभावित क्षेत्रों में है। शुक्रवार को महाराष्ट्र में कोविड-19 के 45 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें से

35 अकेले मुंबई से हैं। शेष मामले पुणे (4), कोल्हापुर (2), रायगढ़ (2), ठाणे (1) और लातूर (1) से

हैं। जनवरी से अब तक 6,819 सैंपल की जांच की गई, जिनमें 210 पॉजिटिव केस मिले हैं, जिनमें

183 मामले मुंबई से हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, राज्य में संक्रमण की रफ्तार धीमी है, लेकिन

सतर्कता अत्यंत आवश्यक है।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ी सतर्कता

राजधानी दिल्ली में 23 एक्टिव केस की पुष्टि हुई है। वहीं, गाजियाबाद में 4, फरीदाबाद और गुरुग्राम

में भी नए मामले सामने आए हैं। चिंता की बात यह है कि गुरुग्राम में एक मरीज बिना किसी ट्रैवल

हिस्ट्री के संक्रमित पाया गया। इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन की संभावना के रूप में देखा जा रहा है।

इसके अतिरिक्त हरियाणा, गुजरात, केरल और कर्नाटक समेत अनेक राज्यों में कोविड-19 एक बार

फिर पैर पसारने में लगा हुआ है। मुख्य राज्यों के अलावा हरियाणा से 5, गुजरात से 33, उत्तर प्रदेश

से 4, कर्नाटक से 16, केरल से 95, तमिलनाडु से 66, पुडुचेरी से 10, पश्चिम बंगाल और सिक्किम

से 1-1 मरीज सामने आए हैं।

दिल्ली सरकार की एडवाइजरी

दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य संस्थानों को स्पेशल

एडवाइजरी जारी की है। सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर, आवश्यक दवाइयों और कोविड बेड

की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। पॉजिटिव मामलों के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग

के लिए लोक नायक अस्पताल भेजना अनिवार्य किया गया है। टेस्टिंग और निगरानी व्यवस्था को

फिर से सक्रिय किया गया है।

विशेषज्ञों की राय विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लापरवाही नहीं बरती जानी

चाहिए। संक्रामक रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि हालांकि मरीजों की संख्या कम है, लेकिन जेएन.1 वेरिएंट

की प्रकृति को देखते हुए स्वास्थ्य ढांचे को सतर्क रहना होगा। ऐसे में नागरिकों को सुझाव दिया

जाता है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें,

खांसी, बुखार या गले में खराश हो तो तुरंत जांच कराएं और सार्वजनिक स्थानों पर दूरी बनाए रखें।

60 वर्ष से ऊपर के लोगों और पुरानी बीमारियों से ग्रसित मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की

सलाह दी जा रही है।

सरकार की सतर्कता और नागरिकों की सजगता ही संक्रमण की संभावित लहर को रोक सकती है।

स्थिति भले ही नियंत्रण में हो, लेकिन कोई भी ढील खतरनाक साबित हो सकती है।

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