Sunday, December 21, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeUncategorizedगर्मी की छुट्टियों में घूमें दिल्ली का प्रसिद्ध छतरपुर मंदिर

गर्मी की छुट्टियों में घूमें दिल्ली का प्रसिद्ध छतरपुर मंदिर


 फोटो फाइल..

सैर-सपाटा…

नई दिल्ली। छतरपुर मंदिर दिल्ली का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं तथा माता के दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं। आद्या कात्यायिनी मंदिर या छतरपुर मंदिर दिल्ली के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में एक है। यह मंदिर गुंड़गांव-महरौली मार्ग के निकट छतरपुर में स्थित है। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इसकी सजावट बहुत की आकर्षक है। दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर विशाल क्षेत्र में फैला है। मंदिर परिसर में खूबसूरत लॉन और बगीचे हैं। मूल रूप से यह मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है। इसके अतिरिक्त यहां भगवान शिव, विष्णु, देवी लक्ष्मी, हनुमान, भगवान गणेश और राम आदि देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं। दुर्गा पूजा और नवरात्रि के अवसर पर पूरे देश से यहां भक्त एकत्र होते हैं। यहां एक पेड़ है जहां श्रद्धालु धागे और रंग- बिरंगी चूड़ियां बांधते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
छतरपुर मंदिर दिल्ली के बड़े और भव्य मंदिरों मे से एक है। विशाल क्षेत्र में फैला यह मंदिर अपनी प्रसिद्धि के कारण सभी के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र रहा है। आद्या कात्यायिनी मंदिर या छतरपुर मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है जिसमें माता के भव्य रूप के दर्शन होते हैं। इस विशाल मंदिर में भगवान विष्णु, शिव, गणेश, हनुमान तथा भगवान राम सीता इत्यादि अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी स्थित हैं।स्थापना: छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर का शिलान्यास सन् 1974 में किया गया था। इसकी स्थापना कर्नाटक के संत बाबा नागपाल जी ने की थी। इससे पहले मंदिर स्थल पर एक कुटिया हुआ करती थी। आज वहां 70 एकड़ पर माता का भव्य मंदिर स्थित है। मंदिर परिसर में ही धर्मशाला, स्कूल व छोटा अस्पताल सहित आई.आई.टी. का संचालन किया जाता है। यह मंदिर माता के छठे स्वरूप माता कात्यायनी को समर्पित है। इसलिए इसका नाम भी कात्यायनी शक्तिपीठ
रखा गया है। लगभग बीस छोटे-बड़े मंदिरों का यह स्थल दिल्ली में दूसरा सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। छतरपुर मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह पवित्र स्थल अपनी निर्माण कला के लिए भी विख्यात है। मन्दिर कि निर्माण कला में सफेद संगमरमर द्वारा निर्मित शिल्प कला एवं नक्काशी के बेहतरीन नमूनों को देखा जा सकता है। संगमरमर से बनी जाली देखने में बहुत ही खूबसूरत प्रतीत होती है। मन्दिर के परिसर में बहुत बड़ा दरवाजा लगा देख सकते हैं जिस पर एक बड़ा सा ताला लगा हुआ है यह सभी के आकर्षण का केन्द्र होता है। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित यह छतरपुर मंदिर खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है। मंदिर के परिसर में धर्मशाला, डिस्पेंसरी और स्कूल का संचालन भी होता है। पूजा विधि:- जो साधक कुण्डलिनी जागृत करने की इच्छा से देवी अराधना में समर्पित हैं उन्हें दुर्गा पूजा के छठे दिन मां कात्यायनी जी की सभी प्रकार से विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए। इससे मनुष्य को अर्थ, कर्म, काम, मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। दुर्गा पूजा के छठे दिन भी सर्वप्रथम कलश और उसमें उपस्थित देवी देवता की पूजा करें फिर माता के परिवार में शामिल देवी देवता की पूजा करें जो देवी की प्रतिमा के दोनों तरफ विरजामन हैं। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान किया जाता है। छतरपुर मंदिर में देवी कात्यायनी के अतिरिक्त यहां राधा कृष्ण, शिव-पार्वती, गणेश आदि अन्य देवी देवताओं की भी पूजा अर्चना की जाती है। एक प्राचीन पेड़ भी वहां देखा जा सकता है जिस पर धागे बांध कर लोग मन्नतें मांगते हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments