नई दिल्ली, 27 मई । गर्मी की छुट्टियों में बच्चे घर के कामों के साथ-साथ पेड़-पौधों की
देखभाल, पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी रखने का काम भी करेंगे। छुट्टियों में बच्चों में अच्छी
आदतें विकसित करने और उन्हें बेहतर नागरिक बनाने के लिए दिल्ली के कई स्कूलों ने यह योजना
बनाई है। इसके तहत गर्मी की छुट्टियों में उन्हें होमवर्क के तौर पर कुछ ऐसे प्रोजेक्ट दिए गए हैं।
इसका मकसद है कि छुट्टियों में बच्चे मौज-मस्ती के साथ-साथ कुछ बेहतर सीख भी सकें।
दिल्ली-एनसीआर के ज़्यादातर स्कूलों में गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो गई हैं। लेकिन ये छुट्टियाँ सिर्फ़
मौज-मस्ती तक सीमित नहीं रहेंगी। कई स्कूलों ने छुट्टियों के दौरान बच्चों के सर्वांगीण विकास के
लिए ख़ास पहल की है। इसके तहत बच्चों को रचनात्मक और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी
गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस पहल के ज़रिए बच्चों को
व्यावहारिक और सामाजिक ज़िम्मेदारियों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
बागवानी और घरेलू काम सीखेंगे
इस पहल के तहत छात्रों को दिए जाने वाले होमवर्क में बागवानी, घर के छोटे-मोटे कामों में मदद
करना, रसोई में मां की मदद करना, दादा-दादी की सेवा करना, पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी रखना
और सामाजिक कार्यों में शामिल होना जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। बच्चों को इन कामों की एक सूची
बनानी होगी और हर दिन किए गए काम का संक्षिप्त विवरण भी देना होगा। कोशिश यह है कि
छुट्टियों को न केवल शैक्षणिक विकास के लिए बल्कि नैतिक, सामाजिक और व्यावहारिक दृष्टि से
भी उपयोगी बनाया जाए।
होमवर्क में ऐसे प्रोजेक्ट शामिल किए गए हैं जो बच्चों को जिम्मेदार बनाएंगे। कोशिश है कि छुट्टियों
में बच्चे कुछ बेहतर सीख सकें। बागवानी, घर के काम, सेवा ऐसे काम हैं जिनसे बच्चों में
मिलनसारिता, सेवा और सहयोग जैसे गुण विकसित होते हैं। बच्चे इन कामों को रिकॉर्ड भी करेंगे।
छुट्टियां खत्म होने के बाद उन्हें इस आधार पर पुरस्कृत करने की भी योजना है।
-डॉ. सुजीत एरिक मसीह, प्रिंसिपल, एपीजे स्कूल

