इंडिया गौरव, राहुल सीवन 23 मई । खेती को आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक सोच और अथक परिश्रम से जोड़कर गोबिंदपुरा गांव के प्रगतिशील किसान नवदीप सिंह ने क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। नवदीप सिंह ने अपने खेत में 4.50 किलोग्राम वजनी खरबूजा उगाकर न केवल सबका ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि उन्नत खेती के क्षेत्र में एक मिसाल भी कायम की है। इस असाधारण खरबूजे का आकार जितना विशाल है, उसका स्वाद और मिठास भी उतनी ही उत्कृष्ट बताई जा रही है। नवदीप सिंह वर्षों से खेती से जुड़े हैं और हर वर्ष लगभग 8 से 10 एकड़ क्षेत्र में खरबूजे की उन्नत किस्मों की खेती करते हैं। इसके अलावा वे आलू, मटर, खीरा व अन्य सब्जियों की उन्नत खेती भी कर रहे हैं। उन्होंने इस बार अपने खेत में गोल्डन ग्लोरी नामक खरबूजे की विशेष किस्म लगाई, जो स्वाद, आकार और गुणवत्ता में अन्य किस्मों से कहीं अधिक बेहतरीन मानी जाती है। वैज्ञानिक पद्धतियों और विशेष देखभाल के जरिए उन्होंने इस अद्भुत वजन वाले खरबूजे को उगाया, जो क्षेत्रभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
खेती में चुनौतियां और नवदीप की मांग:
नवदीप सिंह ने बताया कि खरबूजे की खेती लाभकारी तो है, लेकिन अत्यंत खर्चीली भी है। महंगे बीज, मल्चिंग तकनीक और अन्य वैज्ञानिक उपायों पर प्रति एकड़ लगभग 15,000 रुपये तक का खर्च आता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उन्नत किस्मों के बीज और मल्चिंग सामग्री पर किसानों को सब्सिडी दी जाए, ताकि सामान्य किसान भी इस तरह की आधुनिक खेती कर सके।
सिंचाई में बिजली की समस्या बनी बाधा:
खेती में आ रही एक गंभीर समस्या की ओर संकेत करते हुए नवदीप सिंह ने बताया कि क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था अत्यंत अव्यवस्थित है। रात के समय ही बिजली मिलने के कारण उन्हें रातभर जागकर खेतों में सिंचाई करनी पड़ती है। कई बार अचानक बिजली कटने से फसलों को भारी नुक्सान होता है। उन्होंने आग्रह किया कि बिजली विभाग किसानों को दिन के समय नियमित बिजली प्रदान करे, जिससे सिंचाई कार्य सुगमता से हो सके।
प्रेरणा का स्रोत बने नवदीप सिंह:
नवदीप सिंह की यह उपलब्धि न केवल गोबिंदपुरा, बल्कि आसपास के सभी किसानों के लिए प्रेरणास्पद बन गई है। वे निरंतर परंपरागत खेती में आधुनिकता का समावेश कर रहे हैं। उनका मानना है कि यदि सरकार प्रगतिशील किसानों को सही समय पर तकनीकी और आर्थिक सहयोग दे, तो भारत खेती के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी छलांग लगा सकता है। नवदीप सिंह जैसे किसान न केवल स्वयं उन्नति कर रहे हैं, बल्कि क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं कि मेहनत, समर्पण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती में भी चमत्कार संभव हैं।


