जिले की 82 ग्राम पंचायतें हुई टीबी मुक्त, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पुरस्कार स्वरूप देकर किया सम्मानित..
हरियाणा प्रदेश़ / कैथल, 9 अप्रैल। डीसी प्रीति ने जिला में 82 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी है। इनमें 66 ग्राम पंचायतों को कांस्य तथा 16 ग्राम पंचायतों को सिल्वर श्रेणी के अंतर्गत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन सभी गांव के सरपंच अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में अपने गांव को आगे भी टीबी मुक्त यूं ही बरकरार रखेंगे और गांव में टीबी को लेकर जागरूकता अभियान चलाते रहें। डीसी प्रीति बुधवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में टीबी मुक्त भारत राष्ट्रीय अभियान के तहत आयोजित टीबी मुक्त ग्राम पंचायत सम्मान कार्यक्रम में संबोधित कर रही थी। डीसी ने कहा कि राज्य क्षय रोग कार्यालय पंचकूला से आई टीम के द्वारा सर्वे के आधार पर 82 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त हेतू चयन किया गया था। डीसी प्रीति ने कहा कि टीबी एक ला-ईलाज बीमारी नहीं है, बल्कि इसका ईलाज संभव है। टीबी मरीज पूरी सावधानी बरतें, ताकि इसका संक्रमण दूसरे व्यक्ति तक न पहुंचे। हुक्का से संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा रहती है। उन्होंने सभी सदस्यों को निक्षय मित्र बनने बारे प्रेरित किया तथा जिला कैथल की सभी ग्राम पंचायतों को राष्ट्रीय कार्यक्रम टीबी मुक्त भारत में बढ़ चढ़ कर भाग लेने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ पूरे हरियाणा में साइक्लोथॉन यात्रा निकाली जा रही है। यह यात्रा 22 अप्रैल को जिला में प्रवेश करेगी तथा 23 अप्रैल को जींद जिले की ओर रवाना होगी। सभी ग्राम पंचायतें इस यात्रा में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं।सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय ने गांवों के लिए कुछ पैरामीटर निर्धारित किए हुए थे। इन पैरामीटर को पूरा करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि दो हफते से ज्यादा खांसी होने, खांसी के साथ बलगम या खून आने, सांस लेने पर सीने में दर्द होने, बेचैनी और थकान महसूस होने, शरीर में दर्द बने रहना, रात में बुखार व पसीना आना तथा भूख कम लगना और वजन घटना आदि लक्षण होने परे तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और इलाज लें। टीबी जांच के लिए जिला नागरिक अस्पताल के साथ-साथ विभिन्न पीएचसी-सीएचसी में भी केंद्र बनाए गए हैं।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा टीबी मरीजों को छह महीनें तक एक हजार रुपये प्रति माह पोषण के लिए दिए जाते हैं। इसके अलावा टीबी की दवाईयां नि:शुल्क प्रदान की जा रही है। निक्षय मित्र बनाकर विभिन्न डोनरों के माध्यम से पोष्टिक आहार किट भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इस मौके पर डीडीपीओ कंवर दमन, डॉ. संदीप बातिश के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
सिल्वर व कांस्य श्रेणी में शामिल होने वाली ग्राम पंचायत…
सिल्वर श्रेणी में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतों में डडवाना, पट्टी डोगर, भालंग, दुमाड़ा, कलासर, नरवलगढ़, मुन्ना रेहड़ी, बदनारा, जटहेड़ी, हरनोला, मेघा माजरा, मंझेड़ी, बुढ़नपुर गुजरान, छन्ना जाटान, कसौली, खेड़ी दाबन शामिल हैं।कांस्य श्रेणी में शामिल होने वाली ग्राम पंचायतों में सलीमपुर मदूद, म्यौली, खेड़ी मटरवा, रसुलपुर, पोबाला, खेड़ी रायवाली, सोलू माजरा, पाबला, खेड़ी साकरा, आहूं, साकरा, साहरण, धौंस, देवीगढ़, सांपन खेड़ी, मालखेड़ी, जगदीशपुरा, नंदसिंहवाला, चक्कपाड़ला छौत, पट्टी कौथ, धुंधरेहड़ी, रोहडि़या, वजीर नगर, दुब्बल, डुलियाणी, सांच, अहमदपुर, खेड़ी सिकंदर, माजरा नंदकरण, कुराड़, संतोख माजरा, माजरा रोहेड़ा, फरीयाबाद, सौंगरी, उमेदपुर, घोघ, लैंडरकिमा, फर्शमाजरा, आंधली, गोविंदपुरा, चाबा, दाबा, खंभेड़ा, लालपुर, दुसैरपुर, खुशहाल माजरा, थेहमुकेरिया, मैंगड़ा, रत्ताखेड़ा, सरकपुर, मच्छरहेड़ी, महमदपुर, रिवाड़ जागीर, गढ़ी नाजीर, हंसु माजरा, कमहेड़ी, खरल, मलिकपुर, पपराला, शादीपुर, सिहाली, डेरा गोविंद नगर, गुरू नानक नगर, शहीद भगत सिंह, सरोला, थेहबुटाना हैं।