सेमिनार में हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार से 210 प्रतिभागियों ने लिया भाग..
इंडिया गौरव ब्यूरो ढांड, 25 अप्रैल :चौधरी ईश्वर सिंह कन्या महाविद्यालय ढांड-डडवाना, कैथल में आज उच्चतर शिक्षा निदेशालय द्वारा अनुमोदित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन प्राचार्या डॉ. संगीता शर्मा के कुशल नेतृत्व में किया गया। यह संगोष्ठी आई. क्यू. ए. सी., अंग्रेजी विभाग और मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई। संगोष्ठी का विषय स्ट्रेस मैनेजमेंट: अनलॉक योर इनर पीस अत्यंत सामयिक और विचारोत्तेजक रहा। यह कार्यक्रम तीन प्रमुख सत्रों, उद्घाटन सत्र, तकनीकी सत्र और समापन सत्र में विभाजित कर आयोजित किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रतिष्ठित विद्वान प्रोफेसर डॉ. सी.आर. ड्रॉलिया (पूर्व विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) ने अटैक स्ट्रेस बिफोर इट अटैक्स यू विषय पर अपना सारगर्भित वक्तव्य प्रस्तुत किया। वहीं डॉ. मृदुला आप्टे ने वूमेन एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट विषय पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करते हुए बताया कि आधुनिक महिला किस प्रकार विभिन्न सामाजिक, मानसिक एवं पारिवारिक दबावों के बीच सामंजस्य बैठाती है। इसके उपरांत डॉ. राजेश मेहरा ने स्ट्रेस एंड हेल्थ: साइकोलॉजिकल, बिहेवियरल, एंड बायोलॉजिकल डिटरमिनेंट्स विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया और वैलिडिक्टरी सेशन में डॉ. विनय गुप्ता ने डिजिटल, डिटॉक्स एंड मेंटल वेल बीइंग, के माध्यम से वर्तमान डिजिटल युग में तनाव की भूमिका पर प्रकाश डाला। तकनीकी सत्र को विशेष रूप से 5 भागों में विभाजित किया गया ताकि विभिन्न शोधार्थी, प्राध्यापक एवं विषय विशेषज्ञ अपने शोध पत्रों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण कर सकें। इन तकनीकी सत्रों में सेशन चेयर की मुख्य भूमिका डॉ. विनीता, डॉ. मीना, मैडम बरखा, डॉ. कमलेश और मैडम सरोज ने निभाई। इन सत्रों में प्रतिभागियों ने तनाव से संबंधित विविध आयामों- जैसे सामाजिक परिप्रेक्ष्य, युवा पीढ़ी में तनाव, कार्यस्थल पर तनाव, छात्र जीवन में तनाव, एवं तनाव प्रबंधन की तकनीकों पर शोध पत्र प्रस्तुत किए। विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से पधारे प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी ने संगोष्ठी को अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं सारगर्भित बना दिया। समापन सत्र का संचालन डॉ. सुनीता गुप्ता ने किया। उन्होंने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजकों का आभार प्रकट किया। यह संगोष्ठी महाविद्यालय के लिए गौरव का विषय रही, जिसमें न केवल शैक्षणिक स्तर पर नवाचार हुआ, अपितु छात्राओं को तनाव जैसे ज्वलंत विषय पर विमर्श का सुअवसर प्राप्त हुआ। महाविद्यालय परिवार ने इस आयोजन को सफल बनाने में तन-मन से सहयोग किया। सेमिनार में विभिन्न राज्यों ( हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार ) से लगभग 210 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सेमिनार को सफल बनाने में मुख्य संयोजिका डॉ. पूनम कैरोन, सह संयोजिका डॉ मंजू बाला, डॉ. निशी, मैडम भावना, मैडम रोमा का विशेष योगदान रहा


