इस्लामाबाद, 06 मई । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और
पाकिस्तान के बीच तनाव दिन व दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की सेना ने रविवार देर
रात को सभी राजनीतिक दलों को ब्रीफ किया और मौजूदा हालात पर चर्चा की। ब्रीफिंग में पाक सेना
के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डायरेक्टर जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल अहमद
शरीफ चौधरी और सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने प्रमुख राजनीतिक नेताओं को इस मुद्दे पर जानकारी दी।
रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में पाकिस्तान के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने भारतीय हमले की स्थिति
में पाकिस्तान की सेना के साथ खड़े होने का समर्थन कर दिया है। उन्होंने यह भी सहमति जताई कि
जंग की स्थिति में सभी दल एकजुट होकर संयुक्त मोर्चा बनाएंगे। हालांकि, इस बैठक में इमरान
खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) शामिल नहीं हुई। पीटीआई ने अपनी नीतियों
के तहत इमरान खान की जेल से रिहाई की मांग दोहराई है, जिसे सरकार सदा से नकारती चली आ
रही है। इसके परिणामस्वरूप, पीटीआई बैठक में शामिल नहीं हुई।
राजनीतिक दलों ने पाकिस्तान सेना का समर्थन किया
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बैठक में कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक
दलों से फीडबैक लेना चाहती है और सेना की तैयारियों पर सभी को भरोसा दिलाना चाहती है।
पाकिस्तानी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाते हुए भारतीय हमले की स्थिति में सेना का साथ देने
की बात कही और किसी भी संभावित सैन्य प्रतिक्रिया में एकजुटता का संकल्प लिया।
भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की योजना
बैठक के दौरान पाकिस्तान के राजनीतिक दलों ने यह स्पष्ट किया कि यदि भारत पाकिस्तान के
खिलाफ सैन्य कार्रवाई करता है, तो सभी दल सेना के साथ मिलकर प्रतिक्रिया देंगे। पाकिस्तान के
रक्षा मंत्री और अन्य नेताओं ने कहा कि भारत अब तक अपनी बात दुनिया को ठीक से नहीं समझा
सका है, जबकि पाकिस्तान का पक्ष मजबूत होकर उभरा है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव
और सशस्त्र संघर्ष की आशंका के बीच पाकिस्तान की सेना और राजनीतिक दलों ने एकजुटता का
संदेश दिया है। हालांकि, इमरान खान की पार्टी पीटीआई इस बैठक में शामिल नहीं हुई, जिससे
पाकिस्तान के राजनीतिक परिदृश्य में एक और जटिलता आ गई है।

