Saturday, December 6, 2025
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Homeचंडीगढ़जल बंटवारा विवाद: हरियाणा को और पानी नहीं दिया जायेगा : चीमा

जल बंटवारा विवाद: हरियाणा को और पानी नहीं दिया जायेगा : चीमा

चंडीगढ़, 01 मई  । पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बृहस्पतिवार को कहा कि

आम आदमी पार्टी  सरकार हरियाणा को और पानी नहीं देने देगी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी

पर पंजाब के खिलाफ ‘‘साजिश रचने’’ का आरोप लगाया।

चीमा ने यह टिप्पणी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा यहां आयोजित बैठक में हरियाणा

के लिये 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लेने के एक दिन बाद की है।

हरियाणा के लिये पानी छोड़ने का निर्णय पंजाब सरकार के अधिकारियों द्वारा बीबीएमबी के कदम

पर कड़ी आपत्ति जताने के बावजूद लिया गया। पंजाब सरकार के अधिकारियों का दावा था कि

हरियाणा ने पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है।

इस बीच, पंजाब पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत रूपनगर जिले में स्थित नांगल बांध पर सुरक्षा बढ़ा दी है।

यहां मीडिया को संबोधित करते हुए चीमा ने पानी छोड़े जाने के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी

(भाजपा) नीत केंद्र और हरियाणा सरकार पर निशाना साधा।

चीमा ने भाजपा नीत केंद्र, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल

खट्टर पर पंजाब, उसके किसानों और लोगों के खिलाफ ‘‘साजिश रचने’’ का आरोप लगाया।

चीमा ने कहा, ‘‘हरियाणा ने पहले ही आवंटित जल हिस्से का 103 प्रतिशत इस्तेमाल कर लिया है,

जबकि राजस्थान ने 110 प्रतिशत उपयोग किया है। लेकिन पंजाब ने अपने आवंटित जल हिस्से का

89 प्रतिशत उपयोग किया है।’’

विस्तृत जानकारी देते हुए चीमा ने बताया कि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को क्रमशः 5.512

मिलियन एकड़ फुट (एमएएफ), 2.987 एमएएफ और 3.398 एमएएफ आवंटित किया गया है।

उन्होंने बताया कि अब तक हरियाणा ने 3.091 एमएएफ, राजस्थान ने 3.738 एमएएफ तथा पंजाब

ने 4.925 एमएएफ का इस्तेमाल किया है।

बांधों में जलस्तर के आंकड़ों को साझा करते हुए चीमा ने कहा कि भाखड़ा बांध का जलस्तर 1,680

फुट की जल क्षमता के मुकाबले 1,557.10 फुट है, जबकि पोंग बांध का जलस्तर 1,390 फुट की

क्षमता के मुकाबले 1,293.73 फुट है।

उन्होंने कहा कि इसी तरह रणजीत सागर बांध में जलस्तर 1,642 फुट था, जबकि इसकी क्षमता

1,732 फुट है। उन्होंने कहा, ‘‘बांधों में पानी का स्तर आज पहले से कम है।’’

चीमा ने कहा, ‘‘पंजाब में मजबूत सरकार है और वह हरियाणा को पानी की एक बूंद भी नहीं देने

देगी। हम किसी का हक नहीं रोक रहे हैं और न ही किसी के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। हमने

पहले ही आवंटित पानी दे दिया है।’’

चीमा ने कहा कि हरियाणा सरकार को पानी का उपयोग करने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल

करना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने मूर्खता दिखाई। यदि उन्होंने पानी बर्बाद नहीं किया

होता तो वे 21 मई तक इसका इस्तेमाल कर सकते थे। यदि उन्होंने पहले ही पानी का इस्तेमाल कर

लिया है तो इसका मतलब है कि उन्होंने पेयजल का इस्तेमाल उद्योग या कृषि क्षेत्र के लिए किया।

उन्होंने पानी का दुरुपयोग किया।’’

मंत्री ने यह भी कहा कि बांध सुरक्षित हाथों में हैं और उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

चीमा ने कहा, ‘‘हम किसी को पानी नहीं देने देंगे क्योंकि इस पर हमारा अधिकार है। हरियाणा को

उतना ही पानी मिलेगा जितना उसे आवंटित किया गया है। इससे आगे कुछ नहीं मिलेगा। यह

बिल्कुल स्पष्ट है। इसे (पानी को) रोकने के लिए सभी प्रबंध कर लिए गए हैं। चाहे वे कितनी भी

कोशिश कर लें। भाजपा की साजिश सफल नहीं होगी।’’

बांधों की सुरक्षा बढ़ाने के सवाल पर चीमा ने कहा, ‘‘सभी बांधों की सुरक्षा की समीक्षा की गई है।

हम किसी को भी पंजाब की संपत्ति पर नजर रखने नहीं देंगे।’’

इस बीच, रोपड़ रेंज के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर और अन्य पुलिस अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था

की समीक्षा के लिए रूपनगर के नांगल बांध पर पहुंच गए हैं।

भुल्लर ने कहा, ‘‘सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए पुलिस को तैनात किया गया है। नांगल यहां का

सबसे बड़ा बांध है। हम यहां सुरक्षा की समीक्षा करने आए हैं।’’

बीबीएमबी की बैठक का जिक्र करते हुए चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने जोरदार

तरीके से अपना पक्ष रखा और तर्क दिया कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से के पानी का इस्तेमाल कर चुका है।

चीमा ने दावा किया कि बीबीएमबी पर पानी छोड़ने के लिए दबाव डाला गया है, लेकिन ऐसा नहीं होगा।

उन्होंने बीबीएमबी द्वारा पंजाब से एक इंजीनियर के स्थानांतरण का मुद्दा भी उठाया।

नांगल में बीबीएमबी के जल विनियमन निदेशक आकाशदीप सिंह की जगह हरियाणा कैडर के

निदेशक संजीव कुमार को नियुक्त किया गया है। पंजाब के रहने वाले सिंह को बांध सुरक्षा निदेशक

के पद पर नियुक्त किया गया है।

चीमा ने केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ की भी

आलोचना की और उनसे पंजाब के अधिकारों की कथित ‘‘लूट’’ के लिए इस्तीफा देने को कहा।

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