नोएडा, 24 मई । जिले की सड़कों से 344 ई-रिक्शा जल्द हटाए जाएंगे। चालकों ने इनकी
फिटनेस जांच नहीं कराई है। इनमें से तमाम ई-रिक्शा पांच साल से अधिक पुराने हैं। फिटनेस जांच
न होने के कारण इनसे हादसे का खतरा है। परिवहन विभाग के मुताबिक जिले में करीब 25 हजार
ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। नियम के मुताबिक ई-रिक्शा की पहले आठ वर्ष तक प्रत्येक दो साल पर और
उसके बाद हर वर्ष फिटनेस जांच कराना अनिवार्य है। एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा
कि डीजल और पेट्रोल वाहनों की तरह ई-रिक्शा के सड़कों पर दौड़ने के लिए कोई समयावधि नहीं है।
यह तब तक कार्यरत रह सकते हैं, जब तक सड़क पर दौड़ने लायक न रह जाएं। हालांकि, इनकी
फिटनेस जांच जरूरी नोटिस के बाद भी चालकों ने ई-रिक्शा की फिटनेस जांच नहीं कराई है। ऐसे में
सड़कों पर चलाए जाने वाले जांच अभियान में बिना फिटनेस जांच दौड़ने वाले ई-रिक्शा जब्त कर
लिए जाएंगे। इन्हें बिना फिटनेस जांच सड़कों पर नहीं दौड़ने दिया जाएगा। ऐसे होगी फिटनेस जांच
फिटनेस जांच के लिए परिवहन विभाग की वेबसाइट www.parivahan.gov.in पर वाहन की फिटनेस
जांच के लिए आवेदन करके टाइम स्लॉट प्राप्त करना होता है। मिलने वाले टाइम स्लॉट के आधार
पर व्यक्ति को ई-रिक्शा सेक्टर-33 स्थित परिवहन विभाग कार्यालय में ले जाकर उसकी फिटनेस
जांच करानी होती है। चार साल में पांच गुना तक बढ़ गए जिले में ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ी
है। चार साल में करीब पांच गुना तक ई-रिक्शा बढ़ गए हैं। रूट परमिट की व्यवस्था न होना ई-
रिक्शा के बढ़ने का कारण माना जा रहा है। इनके लिए पंजीकरण अनिवार्य है। इनकी संख्या ऑटो से
भी कहीं अधिक हो गई है। जिले में पंजीकृत ऑटो की संख्या लगभग 19 हजार हैं।