जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ नशा तस्करों पर की जाए सख्त कार्रवाई
जिले में शेष 66 गांवों को ड्रग फ्री बनाने पर करें विशेष फोकस
डीसी प्रीति ने ली जिला स्तरीय नारको समन्वयक समिति (एनकोर्ड) की समीक्षा बैठक–अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
बैठक से अनुपस्थित रहने पर उच्च शिक्षा अधिकारी तथा जिला वन अधिकारी को नोटिस जारी
इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, 12 मई । डीसी प्रीति ने कहा कि नशा एक बहुत ही संवेदनशील मामला है, जो शरीर के साथ-साथ समाज को भी खोखला कर देता है। इससे निपटने के लिए सभी संबंधित विभागों को गंभीरता एवं संजीदगी के साथ काम करना होगा। बैठक के दौरान जिसे विभाग की जो भी जिम्मेदारी दी जाती है, उसे तय समय पर पूरा करें और उसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट भी भिजवाना सुनिश्चित करें। जन जागरूकता अभियान के साथ-साथ नशा तस्करों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, उन्हें सजा दिलाई जाए। जिले में शेष रहते ड्रग फ्री 66 गांवों में फोकस करके उन्हें भी ड्रग फ्री बनाया जाए। डीसी ने बैठक में अनुपस्थित रहने पर उच्च शिक्षा अधिकारी तथा जिला वन अधिकारी को नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी ऐसी बैठकों में स्वयं भाग लेना सुनिश्चित करें। यदि किसी अधीनस्थ अधिकारी या कर्मचारी को भेजना पड़े तो वे बैठक में अपनी प्रगति रिपोर्ट जरूर लेकर आएं। अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीसी प्रीति लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला स्तरीय नारको समन्वयक समिति (एनकोर्ड) की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहीं थीं। जिला प्रशासन का मिशन हर गांव को नशा मुक्त बनाना है। जिसके लिए सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मुस्तैदी एवं समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ-साथ नशा स्रोतों का भी पता लगाएं, ताकि ड्रग सप्लाई चैन को तोड़ा जा सके। नशा तस्करों की प्रॉपर्टी अटैच करवाने की कार्रवाई भी की जाए। पुलिस के अनुसार जिले के करीब 214 गांव ड्रग फ्री घोषित किए गए हैं, उनमें विशेष निगरानी रखी जाए। साथ ही शेष 66 गांवों में फोकस करके उन्हें भी ड्रग फ्री बनाया जाए। सभी एसडीएम, बीडीपीओ ग्राम इसमें सहयोग करें और ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान आयोजित करवाकर ग्रामीणों को नशे के कुप्रभावों के प्रति सचेत करें। उन्होंने कहा कि जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी नियमित रूप से दवाओं की दुकानों की चेकिंग करें। इसके साथ ही अधिकृत नशीली दवाइयों की बिक्री की मॉनिटरिंग की जाए। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में मेडिकल स्टोर का निरीक्षण करें कि उन्होंने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं या नहीं। अगर नहीं लगाए तो नियमानुसार कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही अपने क्षेत्र के नशा मुक्ति केंद्रों का दौरा भी करें। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मनरेगा की सहायता से नहरों व नालों के आसपास स्वयं उगने वाले नशीले पौधों को जल्द से जल्द नष्ट करवाया जाए। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूल में लगातार जागरूकता अभियान चलाते रहें। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आईएमए के साथ मिलकर नशे से प्रभावित गांवों में कैंप लगाएं और नशा करने वाले लोगों को नशे की गिरफ्त से बाहर निकलने में मदद करें। डीसी ने जिला न्यायवादी को निर्देश दिए कि एनडीपीएस के केस में कितने लोगों को सजा हुई और कितने छूट गए, इसकी रिपोर्ट हर माह आनी चाहिए। उन्होंने चिन्हित अपराधों की प्रगति रिपोर्ट भी ली। साथ ही पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे बैठक से पहले एक्शन टेकन रिपोर्ट जरूर साझा करें। एसपी आस्था मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पुलिस टीम के साथ मिलकर गांवों में नशा विरोधी मुहिम चलाए। उन्होंने कहा कि नशा समाज के लिए घातक है। अधिकतर छोटी वारदातों के पीछे नशे में लिप्त लोगों का हाथ होता है। इसलिए सभी थानों प्रभारी विशेष निगरानी रखें और कार्रवाई सुनिश्चित करें। जिले को नशा मुक्त बनाने को लेकर पुलिस विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशे से संबंधित केसों की पुलिस अधिकारी व कर्मचारी गंभीरता से पैरवी करें। साथ ही जिन मामलों में शिकायतकर्ता अपने बयान से मुकर जाता है, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करें। क्योंकि एक केस को तैयार करने एवं उसे अंतिम सुनवाई तक पहुंचाने में पुलिस सहित न्यायालय का भी बेशकीमती समय लगता होता है। इस मौके पर एनडीपीएस के मामलों की भी समीक्षा की गई। इस अवसर पर जिला परिषद के सीईओ सुशील कुमार, जिला न्यायवादी सुखदीप सिंह, कलायत एसडीएम कृष्ण कुमार, कैथल एसडीएम अजय सिंह, डीआरओ चंद्रमोहन, डीएसपी बीरभान, डीएसपी सुशील प्रकाश, डीएसपी गुरविंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


