इंडिया गौरव ब्यूरो..
मां-बाप कृपया ध्यान दें। यह बहुत जरूरी है कि आपके बच्चे सारा दिन घर-घुसरू बनकर टीवी, कंप्यूटर
या फिर मोबाइल से न चिपके रहें बल्कि कम से कम एक या दो घंटे बाहर जाकर जरूर खेलें। अगर बच्चे ऐसा नहीं करते तो आने वाले समय में वे मायोपिया यानी निकट दृष्टि दोष का शिकार हो सकते हैं। और क्या आप जानते हैं कि आउटडोर रोशनी ही इस समस्या का एकमात्र कुदरती और आसान हल है। हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक दुनिया की आधी से ज्यादा जनसंख्या 2050 तक इस बीमारी से ग्रस्त होकर अंधपन के रिस्क का शिकार हो जायेगी। इस संबंध में आस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलोजी के स्कॉट रेड बताते हैं-पिछले समय की तुलना में आजकल के बच्चे इनडोर वीडियो गेम्स आदि खेलते हुए अधिकांश समय घर के अंदर बिताते हैं। आउटडोर लाइट से उनका ज्यादा वास्ता नहीं पड़ता और यही समस्या की जड़ है।अब ये बच्चों पर या फिर उनके मां-बाप पर निर्भर करता है कि वह कितना समय घर के बाहर आउटडोर लाइट में बिताते हैं। याद कीजिये पुराने समय में स्कूलों में करवाये जाने वाले सूर्य नमस्कार। उनका मकसद यही था। बच्चों का आउटडोर लाइट से आमना-सामना और आंखों की रोशनी का तंदुरुस्त रहना। उस समय में बच्चे स्कूल से आते ही बाहर खेलने चले जाते थे। और अनजाने में ही वे ज्यादा समय आउटडोर लाइट के संपर्क में रहते थे। आज हर दूसरा या चैथा बच्चा इस बीमारी का शिकार है। अगर आपके बच्चे भी मायोपिया नामक समस्या से जूझ रहे हैं तब भी आप उनको आउटडोर लाइट में ज्यादा से ज्यादा ले जाकर उनकी बीमारी काफी हद तक कम कर सकते हैं। बस जरूरत है अपने बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की। छुट्टियों में उन्हें घुमाने के लिए बाहर लेकर जायें। महीने में एक या दो बार आउटडोरपिकनिक जरूर करें। और हर रोज सुबह उठकर उनके साथ पार्क में जाने की आदत डाल लें तो वहतो सबसे उम्दा इलाज है।