वाशिंगटन, 27 अप्रैल (वेब वार्ता)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच
तनाव में अमेरिका की किसी भूमिका से इंकार किया है। ट्रंप ने कहा कि दोनों देश इस मसले को
किसी न किसी तरह सुलझा लेंगे। ट्रंप पहले अपने कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच
मध्यस्थता की पेशकश कर चुके हैं, लेकिन अब ट्रंप से पूछा कि क्या वे इस मुद्दे पर चिंतित हैं और
क्या वे दोनों देशों के नेताओं से बात करने वाले हैं, तब उन्होंने इस बार मध्यस्थता की पेशकश नहीं
की। रोम में वे पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। ट्रंप ने मजाकिया अंदाज
में कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव 1500 साल से चल रहा है। हालांकि, यह ऐतिहासिक
रूप से अतिशयोक्ति है।
भारत हमेशा से अपनी सीमा विवादों में बाहरी मध्यस्थता के खिलाफ रहा है, चाहे वह पाकिस्तान के
साथ हो या चीन के साथ। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने कई बार मध्यस्थता की मांग की है। हालांकि,
यह स्पष्ट नहीं है कि इस बार पाकिस्तान ने कोई हस्तक्षेप मांगा है। ट्रंप की पहली पेशकश
तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सार्वजनिक अनुरोध के बाद आई थी, लेकिन भारत
ने ठुकरा दिया था।
ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की थी, तब
भी भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। इस बार ट्रंप ने मध्यस्थता की कोई इच्छा नहीं
दिखाई। अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने भी लिखा, हम इस जघन्य हमले के
लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में आपका समर्थन करते हैं।

