भारतीयों पर सालाना 1.6 अरब डॉलर से अधिक का पड़ सकता है बोझ
नई दिल्ली, 17 मई । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासन ने विदेश में भेजे जाने
वाले धन पर पांच फीसदी टैक्स लगाने का फैसला लिया है, जिसका प्रभाव भारतीयों को भार पड़ेगा।
इसके अनुसार अमेरिका में रहने वाले भारतीयों पर सालाना 1.6 अरब डॉलर से अधिक का बोझ पड़
सकता है। डोनाल्ड ट्रंप ने रेमिटेंस (धन प्रेषण) पर पांच फीसदी उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया
है, जो ग्रीन कार्ड और एच1बी वीजा रखने वाले चार करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित करेगा। यह
प्रस्ताव अमेरिकी नागरिकों पर लागू नहीं होगा। आरबीआई के मार्च बुलेटिन के अनुसार विदेश में
रहने वाले भारतीयों ने 2023-24 में भारत भेजी गई कुल राशि में वृद्धि दर्ज की है, जिसमें अमेरिका
की हिस्सेदारी 27.7 फीसदी पहुंच गई है। इस निर्णय से भारतीयों का परिवार के भरण-पोषण में
लागत महंगी हो सकती है, जिससे सामाजिक-आर्थिक प्रभाव हो सकता है। अब अमेरिका से अधिक
राशि भेजने पर भारतीय समुदाय को नए आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। विश्व
बैंक के मुताबिक भारत 2008 से ही रेमिटेंस प्राप्त करने वाला शीर्ष देश बना हुआ है। वैश्विक स्तर
पर धन प्रेषण में भारत की हिस्सेदारी 2001 के 11 फीसदी से बढ़कर 2024 में करीब 14 फीसदी
पहुंच गई है। 2024 में जिन पांच देशों में विदेश से सबसे ज्यादा धन आया, उनमें 129 अरब डॉलर
के साथ भारत शीर्ष पर रहा। अन्य देशों में मेक्सिको (68 अरब डॉलर), चीन (48 अरब डॉलर),
फिलिपीन (40 अरब डॉलर) और पाकिस्तान (33 अरब डॉलर) शामिल हैं।

