डीसी प्रीति ने किसानों से भी अपील की है कि वे पराली में आग न लगाएं
कैथल, 3 नवंबर । डीसी प्रीति ने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को रोकना हम सबकी सांझी जिम्मेदारी है। सभी संबंधित अधिकारी अलर्ट मोड पर कार्य करते हुए पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगवाएं। इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पराली जलाने वालों पर तुरंत एफआईआर दर्ज करें, उसने नियमानुसार जुर्माना वसूले
और राजस्व रिकार्ड में रेड एंट्री करवाएं। डीसी प्रीति लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में पराली प्रबंधन को लेकर संबंधित अधिकारियों की बैठक ले रहीं थीं। डीसी ने एसडीएम, डीडीए, बीडीपीओ को निर्देश दिए वे अपने-अपने एरिया के एसएचओ के साथ समन्वय स्थापित करें और शाम के समय गश्त बढ़ाने के लिए कहें। साथ ही गांव स्तर पर बनाए गए
नोडल अधिकारियों को एक्टिव रखें। जो नोडल अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही बरतता है, उसके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करें। साथ ही ग्राम सचिव और पटवारी में से हर रोज एक अधिकारी गांव में जरूर रहे और निगरानी रखें। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जिला में खंड एवं गांव स्तर पर गठित कमेटियां निरंतर क्षेत्र में रहकर निगरानी रखें और
किसानों को निरंतर जागरूक भी करते रहे। इस अवसर पर कैथल एसडीएम अजय सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डा. सुरेंद्र यादव, डिप्टी सीईओ सुमित चौधरी, डीआईपीआरओ नसीब सैनी, बीडीपीओ जगजीत सिंह, अन्नू व रितु, कार्यकारी अभियंता वरूण कंसल व सुरेंद्र सिंह, सहायक कृषि अभियंता जगदीश चंद्र सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
रेड व येलो जोन पर रहेगी विशेष नजर
विशेष रूप से रेड व येलो जोन में विशेष नजर रखी जाए। डीसी प्रीति ने किसानों से भी अपील की है कि वे पराली में आग न लगाएं, बल्कि इसका सही तरीके से प्रबंधन करके आय का साधन बनाएं। पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित
होता है, वहीं जमीन की उर्वरा शक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। पराली प्रबंधन हेतु सरकार द्वारा किसानों के लिए अनेकों योजनाएं लागू की गई है, जो किसान पराली प्रबंधन करता है, उसको सरकार द्वारा 1200 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। डीसी ने कहा कि प्रत्येक 50 किसानों पर नियुक्त नोडल अधिकारी अपनी जिम्मेवारी का
निर्वहन करें। जमीनी स्तर पर पटवारी एवं ग्राम सचिव आपस में तालमेल बनाते हुए किसानों को पराली न जलाने बारे प्रोत्साहित करें।
18 एएफएल दर्ज, मौके पर छह सही पाई गई
कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. सुरेंद्र यादव ने डीसी प्रीति को अवगत करवाया कि इस बार अब तक हरसेक के माध्यम से 18 एएफएल (पराली जलाने की घटना) रिपोर्ट हुए हैं। इन पराली जलाने के घटनाओं का सत्यापन करने के लिए कृषि
विभाग अधिकारियों द्वारा मौके का दौरा किया, जिनमें से केवल छह सही पाई गई। तीन मामलों में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अन्य तीन मामलों में भी जल्द एफआईआर दर्ज हो जाएगी। इसके साथ ही जुर्माना भी वसूल किया गया है। इस बार पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल की अपेक्षा काफी कम है।
कंट्रोल रूम में दे सूचना
उन्होंने बताया कि कृषि एवं कल्याण विभाग ने एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है, जहां कोई भी व्यक्ति सूचना दे सकता है। कंट्रोल रूम के दो नंबर जारी किए गए हैं 70827-19791 तथा 7082119491 पर कॉल करें।

