कैथल 27 नवंबर: डीसी प्रीति ने कहा कि संसार में कई प्रकार के नशे होते हैं। कोई सुंदरता का नशा, धन का नशा, ताकत का नशा, सत्ता का नशा है, पद का नशा, शराब तथा अन्य प्रकार की ड्रग्स का नशा आदि। ये नशे मनुष्य को कुमार्ग पर ले जाने वाले होते हैं। नशे सहित सामाजिक बुराईयों को ढृढ़ संकल्प एवं ढृढ़ इच्छा शक्ति से छोड़ा जा सकता हैं। सभी युवा अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें, युवा सही दिशा में मेहनत करके अपने चरित्र को गढ़ेंगे तो हम सभी मिलकर एक सभ्य समाज का निर्माण करने में सफल होंगे।डीसी प्रीति बुधवार को नीलम यूनिवर्सिटी में जिला रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से आयोजित किए गए नशा मुक्ति सेमिनार में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि युवा अपने चरित्र को अच्छे से गढ़कर खुद के जीवन को संवार भी सकते हैं और बुराइयों में फंस कर अपने जीवन को खराब दिशा में भी ले जा सकते हैं। मोबाइल से दिन में कम से कम एक घंटा दूर रहें तो दिमाग में अच्छे विचार आएंगे। युवा स्वयं भी नशे से बचें और अपने आस-पास यदि नशे से जुड़ी कोई गतिविधि देखें तो अपने अध्यापकों को सूचना दें। अध्यापक हमें सूचित करेंगे तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के नाम की गोपनीयता भी बनाकर रखी जाएगी।डीसी प्रीति ने कहा कि बच्चे स्वयं हेलमेट का प्रयोग करें और घर से बाहर जाते समय अपने अभिभावकों से भी यातायात के नियमों की पालना के लिए विनम्र तरीके से बात करें। कोई भी व्यक्ति हुक्का या नशा ऑफर करें तो ना कहने की आदत डालें। बुराईयों को न कहना अपने जीवन का नियम बना लें तो कोई सामाजिक बुराई की लत आपको नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि कैथल जिला सभी क्षेत्रों में आगे जाए, इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है।उन्होंने कहा कि हमारे देश का उज्जवल भविष्य युवाओं पर टिका होता है। अगर देश की युवा पीढ़ी ही गलत रास्ते में जाने लगे तो निश्चित ही उनका भविष्य अंधकार में चला जाता है। नशीली दवाओं की लत से तात्पर्य हानिकारक पदार्थो को लेने से है जो किसी व्यक्ति के मस्तिष्क के कार्यो और व्यवहार को प्रभावित करते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे जैसी कुरीति को समाज से खत्म करने के लिए सरकार व प्रशासन का सहयोग करें। डीएसपी बीरभान ने भी बच्चों को यातायात नियमों व नशा नहीं करने के लिए जागरूक किया।रेडक्रॉस सोसायटी कैथल के सचिव रामजी लाल ने बताया कि हानिकारक दवाओं में शराब, कोकीन, हेरोइन, दर्द निवारक, निकोटीन आदि शामिल हैं। नशीली दवाओं की लत निर्णय लेने और स्मृति सहित मानसिक अनुभूति को प्रभावित कर सकती हैं। यह चिंता व्यामोह और रक्तचाप में वृद्घि का कारण बन सकती है। आजकल युवा वर्ग के लिए नशा एक फैशन बन गया है। धूम्रपान या शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। तंबाकू, गुटखा आदि के सेवन से माउथ कैंसर हो जाता है।इस अवसर पर रेडक्रॉस सोसायटी में प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलवाई गई। इस मौके पर नीलम यूनिवर्सिटी कैथल के वायस चांसलर समीम अहमद, डॉ राजीव दहिया, डॉ. दीपक, डॉ. विनय गुप्ता, पवन कुमार, डा. बीरबल दलाल, रामपाल आदि मौजूद रहे।
नीलम यूनिवर्सिटी में जिला रेडक्रॉस सोसायटी की ओर से किया गया नशा मुक्ति सेमिनार का आयोजन..
ढृढ़ संकल्प एवं इच्छा शक्ति से छोड़ सकते हैं नशे की लत–सभी युवा अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करके गढ़े अपना चरित्र : डीसी प्रीती
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