हैदराबाद, 31 मई (वेब वार्ता)। तेलंगाना के मुलुगु जिले में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के आठ
सदस्यों ने शनिवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के एक डिवीजनल कमेटी मेंबर
(डीवीसीएम) और दो एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) सहित आठ माओवादियों ने हथियार डालकर मुलुगु
जिले के पुलिस अधीक्षक शबरीश पी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वर्ष जनवरी से अब तक तेलंगाना पुलिस के समक्ष 355
माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें मुलुगु जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले
68 माओवादी शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा
कार्यान्वित किए जा रहे कल्याणकारी उपायों के बारे में जानने के बाद, उन्होंने नक्सलवाद का रास्ता
छोड़ने और अपने परिवार के सदस्यों के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने का फैसला किया और पुलिस के
सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के सशस्त्र कैडर तेलंगाना-छत्तीसगढ़
सीमावर्ती क्षेत्रों में घूम रहे हैं और सीमावर्ती गांवों के लोगों से कहा गया है कि उनके साथ सहयोग न
करें तथा यदि उन्हें माओवादियों की गतिविधि नजर आए तो पुलिस को सूचित करें। 31 मई । तेलंगाना के मुलुगु जिले में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के आठ
सदस्यों ने शनिवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के एक डिवीजनल कमेटी मेंबर
(डीवीसीएम) और दो एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) सहित आठ माओवादियों ने हथियार डालकर मुलुगु
जिले के पुलिस अधीक्षक शबरीश पी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वर्ष जनवरी से अब तक तेलंगाना पुलिस के समक्ष 355
माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें मुलुगु जिला पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले
68 माओवादी शामिल हैं।
इसमें कहा गया है कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा
कार्यान्वित किए जा रहे कल्याणकारी उपायों के बारे में जानने के बाद, उन्होंने नक्सलवाद का रास्ता
छोड़ने और अपने परिवार के सदस्यों के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने का फैसला किया और पुलिस के
सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के सशस्त्र कैडर तेलंगाना-छत्तीसगढ़
सीमावर्ती क्षेत्रों में घूम रहे हैं और सीमावर्ती गांवों के लोगों से कहा गया है कि उनके साथ सहयोग न
करें तथा यदि उन्हें माओवादियों की गतिविधि नजर आए तो पुलिस को सूचित करें।