नई दिल्ली, 24 मई (वेब वार्ता)। पालतू कुत्तों को बड़े चाव से पाला जा रहा है, लेकिन नियमों की
किसी को परवाह नहीं है। पालक जानबूझकर कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराते हैं। दिल्ली नगर निगम
के अधिकारियों को इसकी जरा भी चिंता नहीं है। निगम के शाहदरा उत्तरी जोन में पंजीकृत पालतू
कुत्तों के आंकड़े इस हकीकत को उजागर कर रहे हैं। इस जोन के 35 वार्डों में मात्र 79 कुत्ते पंजीकृत
हैं। यानी एक वार्ड में औसतन दो से तीन पालतू कुत्ते हैं। जो पचने लायक नहीं है। दो लाख से
अधिक आबादी वाले इस जोन में पालतू कुत्तों की यह संख्या सागर में बूंद के समान है। इनमें
पिटबुल, रोटवीलर, जर्मन शेफर्ड जैसी हिंसक प्रजातियां बहुत कम संख्या में पंजीकृत हैं। संख्या
पोमेरेनियन और देसी कुत्तों की है।ऐसा क्यों?

