नई दिल्ली, 23 मई। राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के
खिलाफ दिल्ली पुलिस का ऐक्शन लगातार जारी है। पुलिस द्वारा अब तक 121 अवैध प्रवासियों की
पहचान और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसके बाद एफआरआरओ द्वारा उन्हें डिपोर्ट करने
का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस ने देश में अवैध प्रवेश की सुविधा प्रदान करने
वाले सिंडिकेट के खिलाफ नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाने में एक एफआईआर भी दर्ज की है। यह मामला
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336(2), 336(3), 340(2), 61(2) और विदेशी
अधिनियम, 1946 की धारा 14 और 14सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि
अवैध अप्रवासियों को कथित तौर पर घर किराए पर देने वाले पांच लोगों से भी पूछताछ की गई है।
एक व्यक्ति को बीएनएस की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है। जांच का मकसद
अवैध अप्रवासियों द्वारा हासिल किए गए नकली दस्तावेजों जैसे बिजली मीटर कनेक्शन, आधार कार्ड
और मतदाता पहचान पत्र के सोर्स का पता लगाना भी है। पुलिस ने कहा कि संबंधित विभागों को
नोटिस दिया गया है और इसमें शामिल पाए जाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की
जाएगी। इस बीच, पुलिस ने कहा कि 121 अवैध प्रवासियों की पहचान की गई है और कानूनी
प्रक्रिया पूरी करने के बाद, विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय ने उन्हें डिपोर्ट करने का आदेश दिया है।
इस महीने की शुरुआत में, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कथित तौर पर बिना वैध दस्तावेजों के
भारत में रहने के आरोप में पांच बच्चों सहित 13 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया था। इन
व्यक्तियों को राजधानी के औचंदी गांव से पकड़ा गया था। डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम के अनुसार,
हिरासत में लिए गए लोग भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बिना बाड़ वाले खेतों से होते हुए भारत में घुसे
और बाद में कूच बिहार रेलवे स्टेशन के रास्ते दिल्ली पहुंचे थे। बताया जाता है कि वे हरियाणा के
खरखौदा में एक ईंट भट्टे में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते थे। डीसीपी आउटर नॉर्थ निधिन
वलसन ने कहा भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान शुरू होने के बाद से
831 लोगों को वेरिफिकेशन के लिए संदिग्ध सूची में रखा गया है। पिछले सप्ताह पुलिस अधिकारियों
की एक टीम ने 121 बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया। उन्हें डिपोर्ट करने के आदेश
भी दे दिए गए हैं। एसआईटी ने उन पांच लोगों से पूछताछ की जिन्होंने उनके यहां रहने की व्यवस्था
की थी। एसआईटी का गठन उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए किया गया है, जो उनकी
मदद कर रहे थे।

