नई दिल्ली, 13 मई । सपनों का घर देने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पने वाले एक
शातिर रियल एस्टेट कारोबारी अनिल मिठास को आर्थिक अपराध शाखा दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार
कर लिया है। आरोपी पर करोड़ों की बैंक धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी का आरोप है। मामले की
शुरुआत आईसीआईसीआई बैंक की शिकायत से हुई थी। बैंक ने बताया कि उसने वर्ष 2016-17 में
नोएडा के अरायना प्रोजेक्ट और गुरुग्राम के एल्डर ग्रोव व यूनिवर्ल्ड रिजॉर्ट्स के निर्माण कार्य के लिए
कुल 165 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। लेकिन बाद में पता चला कि प्रोजेक्ट का काम अधूरा रहा
और पैसे कहीं और भेज दिए गए। बैंक का दावा है कि कंपनी ने झूठे दस्तावेज और भ्रामक जानकारी
देकर लोन लिया। बाद में यह भी सामने आया कि जिन फ्लैट्स को गिरवी रखा गया था, उन्हें पहले
से ही दूसरी कंपनी के साथ बंधक बनाया गया था। इस दोहरी धोखाधड़ी ने पूरे रियल एस्टेट सेक्टर
में खलबली मचा दी। इस घोटाले की गहराई तब सामने आई जब राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण
ने कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की और एक अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया।
ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि मार्च 2014 से मार्च 2019 के बीच कंपनी ने जानबूझकर करोड़ों
रुपये अपनी सिस्टर कंपनियों, शेल कंपनियों और संबंधित पक्षों को ट्रांसफर किए। पुलिस ने बैंक
अधिकारियों, ऑडिटर, निवेशक कंपनी और समाधान पेशेवर समेत तमाम गवाहों से पूछताछ की।
सैकड़ों दस्तावेज खंगाले गए और डिजिटल ट्रांजेक्शन की बारीकी से जांच की गई। आरोप पुख्ता होने
पर 8 मई को अनिल मिठास को गिरफ्तार कर लिया गया। अनिल मिठास नोएडा निवासी हैं और
‘उन्नति ग्रुप’ के प्रमुख शेयरधारक और निर्देशक हैं। उनकी छवि एक सफल रियल एस्टेट डेवलपर की
रही है, लेकिन उनके खिलाफ पहले भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें 2017 और 2020 में दर्ज
धोखाधड़ी के केस और एक ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच भी शामिल है।


