इंडिया गौरव, राहुल सीवन 21 मई । प्रमुख समाजसेवी गोल्डी बंसल व प्रमुख समाजसेवी रामपाल बंसल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है दूसरों के प्रति दया और करुणा का भाव रखना। उन्होंने कहा कि समाज तभी आगे बढ़ सकता है जब लोग एक-दूसरे की पीड़ा को समझें और उसकी मदद के लिए आगे आएं। यदि हम हर किसी के साथ प्रेम, सहानुभूति और सहयोग का व्यवहार रखें तो समाज में सुख-शांति स्वतः स्थापित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सेवा का कार्य केवल दान या आर्थिक मदद तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि किसी के दुख में साथ खड़ा होना भी करुणा का श्रेष्ठ उदाहरण है। आज समाज में नफरत और स्वार्थ की भावना बढ़ती जा रही है, जिसे केवल दया और संवेदनशीलता से ही कम किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने भीतर मानवीय मूल्यों को विकसित करें और हर व्यक्ति के साथ इंसानियत का व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति यह ठान ले कि वह किसी को दुख नहीं देगा और यथासंभव मदद करेगा तो समाज में क्रांति आ सकती है। बंसल ने कहा कि जब तक हम दूसरों की पीड़ा नहीं समझेंगे, तब तक समाज का संतुलन नहीं बन सकता। करुणा केवल भावना नहीं, एक क्रियात्मक शक्ति है जो मानवता को जोड़ती है। ईश्वर ने हमें दूसरों की सहायता के लिए भेजा है, न कि केवल अपने सुख-सुविधा के लिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में करुणा का भाव होता है, वे समाज के लिए प्रेरणा बनते हैं। अंत में दोनों समाजसेवियों ने लोगों से अपील की कि वे अपने जीवन में सेवा, दया और करुणा को स्थान दें ताकि समाज में समरसता और भाईचारा बना रहे।
दूसरों के प्रति दया और करुणा का भाव ही सच्ची मानवता का प्रतीक : बंसल
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