Saturday, December 6, 2025
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धर्म से जुड़ाव से मिलती है शांति, जीवन में आती है स्थिरता: संत छविराम दास

इंडिया गौरव राहुल सीवन 17 मई  संत छविराम दास ने धार्मिक विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आस्था, भक्ति और धर्म हमारे जीवन की वह शक्ति हैं, जो हमें हर परिस्थिति में संतुलित और मजबूत बनाए रखती हैं। धर्म से जुड़ाव केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह जीवन को दिशा देने वाली शक्ति है।उन्होंने कहा कि आज के समय में जब व्यक्ति भौतिक सुखों की तलाश में आत्मिक शांति को भूलता जा रहा है, ऐसे में धर्म ही है जो उसे भीतर से ऊर्जा और शांति प्रदान करता है। धर्म के मार्ग पर चलकर ही मनुष्य सही और गलत में फर्क समझ पाता है तथा अपने कर्मों को उचित दिशा दे सकता है।संत छविराम दास ने कहा कि सच्ची भक्ति और ईश्वर का स्मरण जीवन को न केवल संकटों से दूर करता है, बल्कि व्यक्ति के अंतर्मन को निर्मल और शांत करता है। जब मनुष्य धर्म से जुड़ता है, तो उसमें सेवा, परोपकार, दया और करुणा जैसे भाव जागृत होते हैं, जो समाज को भी दिशा देने का कार्य करते हैं।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे सूर्य की किरणें अंधकार को दूर करती हैं, वैसे ही धार्मिक आचरण और भक्ति का प्रकाश जीवन के हर दुख को हर लेता है। जो लोग नियमित रूप से साधना, सत्संग और सेवा से जुड़ते हैं, उनके जीवन में स्थिरता, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास देखने को मिलता है।संत छविराम दास ने युवाओं को भी प्रेरित किया कि वे धर्म की शक्ति को समझें और अपने जीवन में उसका पालन करें। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी यदि धर्म, संस्कृति और अपने संस्कारों से जुड़ेगी, तो समाज में अपराध, तनाव और वैमनस्यता स्वतः कम होंगे।उन्होंने कहा कि धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है जो संयम, सह-अस्तित्व और आत्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। जब व्यक्ति धर्म के साथ जीवन जीता है, तो वह अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी को भली-भांति निभाता है।संत ने कहा कि आत्मा की शुद्धि, मन की स्थिरता और जीवन में संतुलन तभी संभव है जब हम धर्म को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लें। यही सच्चा अध्यात्म है, यही जीवन की सफलता का मार्ग है। इस अवसर पर इंजीनियर शुभम, एकता, अदिति, सुमन, रिंपी, निशिका, संतोष, आदि उपस्थित रहे।

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