नई दिल्ली, 07 जून । आज पूरे देश में ईद-उल-अजहा, जिसे बकरीद, ईद-उल-जुहा या ईद-
उल-बकरा के नाम से भी जाना जाता है। बड़े हर्षोल्लास और भाईचारे के साथ मनाया जा रहा है। यह
पवित्र त्योहार हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माइल की कुर्बानी की याद दिलाता है, जो त्याग,
बलिदान और अल्लाह के प्रति निष्ठा का प्रतीक है।
देश के कोने-कोने में मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की, एक-दूसरे
को गले लगाकर मुबारकबाद दी और देश में अमन, चैन, खुशहाली और भाईचारे की दुआ मांगी।
प्रशासन ने भी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता इंतजाम किए, जिससे त्योहार
सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।
राजस्थान के धौलपुर में ईद-उल-अजहा का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शहर की
ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई, जिसे शहर काजी मतीन खान गौरी ने अता कराई। नमाज के
बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बकरीद की शुभकामनाएं दीं। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े
इंतजाम किए और डीएम व एसपी की मौजूदगी में नमाज शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।
जोधपुर में जालोरी गेट स्थित ईदगाह में मुख्य नमाज अदा की गई। इमाम मोहम्मद हुसैन अशरफी
ने कहा, “ईद-उल-अजहा को इस्लामी तौर-तरीकों और सौहार्द के साथ मनाया जाता है। हम दुआ
करते हैं कि देश और प्रदेश में खुशहाली बनी रहे।”
शहर काजी मोहम्मद तैयब अंसारी ने जोधपुरवासियों को बकरीद की मुबारकबाद दी और कहा, “यह
त्योहार कुर्बानी का प्रतीक है। अल्लाह के हुक्म से ईमान एक बड़ा तोहफा है।”
भीलवाड़ा जिले में भी बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। सांगानेरी गेट ईदगाह में शहर
काजी अशरफ जिलानी अजहरी ने नमाज अदा कराई। हजारों की संख्या में लोग नमाज के लिए एकत्र
हुए और देश में अमन, चैन, भाईचारा और अच्छी बारिश की दुआ मांगी। शहर काजी ने 11 बिंदुओं
की गाइडलाइन जारी की, जिसमें कुर्बानी खुले में न करने, गंदगी को सड़क पर न डालने और सफाई
का ध्यान रखने की अपील की गई।
सिरोही जिले में भी ईद-उल-जुहा पूरे जोश के साथ मनाया गया। कब्रिस्तान स्थित ईदगाह में नमाज
अदा की गई और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी। आबूरोड, मंडार, रेवदर,
सरूपगंज, पिंडवाड़ा और शिवगंज में भी नमाज और कुर्बानी की रस्म शरीयत के अनुसार अदा की
गई। पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में शहर के विभिन्न स्थानों पर नमाज अदा की गई। लोगों ने एक-दूसरे को
गले मिलकर त्योहार की बधाई दी और भाईचारे का संदेश दिया।
संगम नगरी प्रयागराज में भी ईद-उल-अजहा पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। ईदगाह और मस्जिदों
में विशेष नमाज अदा की गई और देश में अमन, चैन और तरक्की की दुआ मांगी गई। प्रशासन ने
मिली-जुली आबादी वाले इलाकों में पुलिस, पीएसी और आरएएफ तैनात कर सुरक्षा सुनिश्चित की।
घरों में कुर्बानी की रस्म भी श्रद्धा के साथ अदा की गई।
पंजाब के पठानकोट में डलहौजी रोड स्थित हीरा मस्जिद में सुबह नमाज अदा की गई। पूर्व मंत्री
मास्टर मोहन लाल ने नमाज में हिस्सा लिया और सभी को ईद की शुभकामनाएं दीं। मस्जिद के
इमाम मुहम्मद फुरकान ने फज्र की नमाज अदा कराई और कहा, “हम अच्छे इंसान बनें, अल्लाह के
रास्ते पर चलें और सभी की भलाई करें।
उन्होंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सेना के जवाब की
सराहना की। लोगों से भाईचारा कायम रखने की अपील की गई।
अमृतसर की जामा मस्जिद में मुस्लिम समुदाय ने खुशहाली की दुआ मांगी और सभी धर्मों के लोगों
से प्रेम व भाईचारे के साथ रहने की अपील की। एसीपी जसपाल सिंह ने कहा, “कोई भी धर्म विरोध
की भावना नहीं सिखाता। सभी धर्म प्रेम और भाईचारे का प्रतीक हैं।”
मोगा में भी मुस्लिम समुदाय ने मस्जिदों में नमाज अदा की। मौलवी मोहम्मद हबीब ने कहा, “ईद
का मतलब खुशी है। हमें नफरत खत्म कर प्यार और मोहब्बत से रहना चाहिए।” उन्होंने गरीबों और
यतीमों की मदद करने का संदेश दिया।
पुणे के ग्रामीण इलाकों में बारिश के बावजूद बकरीद धूमधाम से मनाई गई। कई जगहों पर ईदगाह
की बजाय मस्जिदों में नमाज अदा की गई। मौलाना अबरार के साथ करीब 3,000 लोगों ने नमाज
अदा की और एक-दूसरे को बधाई दी।
मीरा भायंदर में पुलिस ने कड़ा बंदोबस्त किया, और सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी गई। मुंबई में भी
लोगों के चेहरों पर खुशी और उत्साह दिखा।
बिहार के गया जिले में गांधी मैदान के हरिहर सुब्रमण्यम स्टेडियम में सैकड़ों लोगों ने नमाज अदा
की। सदर एसडीओ किस्लय श्रीवास्तव और एडिशनल एसपी पीके साहू ने लोगों को मुबारकबाद दी।
मोती करीम ने कहा, “हम सभी धर्मों के पर्व भाईचारे के साथ मनाते हैं।” प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता
इंतजाम किए।
असम के गुवाहाटी में सुबह 8:30 बजे नमाज अदा की गई। विधायक रेकीबुद्दीन अहमद ने कहा,
“कुर्बानी बलिदान का प्रतीक है।”