Sunday, June 15, 2025
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नई दिल्ली : बेंगलुरु हादसे का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, एक सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली, 05 जून  । कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर

बुधवार को हुई भगदड़ का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है। उसने

जिला प्रशासन और पुलिस को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

एनएचआरसी ने बेंगलुरु भगदड़ मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। नोटिस में कहा गया है कि

शिकायतकर्ता ने आयोग के समक्ष एक मीडिया रिपोर्ट का जिक्र किया है जिसमें बताया गया कि यह

हादसा 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर तब हुआ, जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु

(आरसीबी) ने आईपीएल-18 कप जीता और उसकी विजय परेड निकाली गई।

नोटिस में कहा गया, “आयोग को इस मामले में विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें ‘भीम’

संगठन की ओर से भी शिकायतें शामिल हैं। आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों द्वारा भीड़

नियंत्रण प्रबंधन खराब था और हैरानी की बात यह है कि त्रासदी होने और स्टेडियम के बाहर शव पड़े

होने के बावजूद स्टेडियम के अंदर उत्सव और जश्न जारी रहा।”

एनएचआरसी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने मामले में आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की और

उच्च स्तरीय जांच, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय करने, पीड़ितों को मुआवजा और न्याय

दिलाने का अनुरोध किया। शिकायतकर्ताओं ने भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए दिशानिर्देश

तैयार करने का भी अनुरोध किया है।

उसने कहा है कि शिकायतों में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया पीड़ितों के मानवाधिकारों का गंभीर

उल्लंघन प्रतीत होते हैं। प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की पीठ

ने मामले में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 के तहत संज्ञान लिया है।

आयोग ने जिलाधिकारी और बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर शिकायत में लगाए गए

आरोपों की जांच करने और आयोग के अवलोकन के लिए सात दिन के भीतर एक कार्रवाई रिपोर्ट

प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

एनएचआरसी ने अधिकारियों को मृतकों और घायलों की सूची प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है।

कार्यक्रम के आयोजन के लिए मंजूरी से जुड़े दस्तावेज और अनुमति देने वाली संस्था की जानकारी

भी मांगी गई है। यह भी निर्देश दिया गया है कि इस तरह के बड़े आयोजनों की अनुमति जारी करने

से पहले अधिकारियों द्वारा जांच की गई विशेष शाखा – सीआईडी या पुलिस की रिपोर्ट भी मामले में

प्रस्तुत की जाए।

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