पुलिस कार्रवाई को बताया एकतरफा, महिलाओं समेत सैकड़ों लोगों ने थाना परिसर में दिया धरना
कैथल । नगर पालिका चीका की उपाध्यक्ष पूजा शर्मा, उनके पति राजीव शर्मा और अन्य के खिलाफ दर्ज मुकदमे को लेकर सोमवार को सैकड़ों लोग चीका थाना पहुंचे और पुलिस की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताते हुए विरोध दर्ज कराया। धरने में 50 से अधिक महिलाएं भी शामिल थीं।
एसएचओ के न मिलने पर गुस्साए लोग थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी की। सूचना पाकर डीएसपी गुहला कुलदीप सिंह बेनीवाल मौके पर पहुंचे और लोगों को पुख्ता जांच और निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पांच सदस्यीय कमेटी बनाकर सभी दस्तावेज एवं वीडियो प्रमाण गुरुवार को डीएसपी दफ्तर में पेश करें। यदि सबूत पुख्ता हुए तो न केवल झूठा मामला रद्द किया जाएगा बल्कि धारा 182 के तहत झूठी शिकायत देने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना 7 जून की है जब पार्क की सफाई को लेकर ठेकेदार मनोज कुमार और पार्षद पति विजय गोयल के बीच विवाद हुआ। दोनों पक्षों ने अलग-अलग शिकायतें थाना में दर्ज करवाईं। विजय गोयल ने आरोप लगाया कि सफाई ठेकेदार मनोज कुमार और कुछ अन्य ने तेजधार हथियारों से हमला किया और उनकी सोने की चैन छीन ली।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सब कुछ नगर पालिका उपाध्यक्ष पूजा शर्मा और उनके पति की साजिश थी क्योंकि उन्होंने इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिया था।उधर मनोज कुमार ने जातिसूचक गाली गलौज और अपमान का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने मनोज की शिकायत को प्रारंभिक जांच में झूठा करार देते हुए दफ्तर दाखिल कर दिया।
मनोज कुमार ने पुलिस जांच पर उठाए सवाल
मनोज कुमार ने डीएसपी के समक्ष कहा कि पुलिस ने न तो कोई सीसीटीवी देखा और न किसी से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि उनके पास फुटेज है जिसमें कोई तेजधार हथियार या गंभीर हमला नहीं दिखता और विजय गोयल बाद में सही सलामत बातचीत करते नजर आते हैं।
पूजा शर्मा के पति राजीव शर्मा ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा कि यदि उनकी एक प्रतिशत भी भागीदारी साबित हो जाए तो वे जूते खाने और पत्नी का इस्तीफा देने को तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर और कांग्रेस नेता उन पर खेमा बदलने का दबाव बना रहे हैं।
इसी कारण झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया। भाजपा एससी मोर्चा के जिला अध्यक्ष सलिंद्र वाल्मीकि ने एसएचओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि एससी एक्ट के तहत एसएचओ जांच के लिए अधिकृत नहीं है और उन्हें शिकायत मिलते ही पहले एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। उन्होंने चेताया कि यदि न्याय नहीं मिला तो शिकायत सरकार तक ले जाई जाएगी।
हमारी शिकायत पर भी दर्ज हो एफआईआर : हरदीप बदसूई
किसान नेता हरदीप सिंह बदसूई ने डीएसपी से मांग की कि यदि विजय गोयल की शिकायत पर एफआईआर हो सकती है तो हमारी एससी एक्ट की शिकायत पर भी एफआईआर हो। यदि जांच में गलत साबित हो तो हमारा भी पर्चा रद्द कर दें। हमारे ऊपर भी बेशक 182 का मामला दर्ज कर देना।