इंडिया गौरव, राहुल सीवन 20 मई।प्रमुख समाजसेवी बृजमोहन गांधी ने कहा कि जीवन का मूल मंत्र सकारात्मक सोच और दूसरों के प्रति सद्भावना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें न तो किसी का बुरा करना चाहिए और न ही बुरा सोचना चाहिए। सदैव अच्छा करना और अच्छा सोचना ही मनुष्य को सच्चे अर्थों में महान बनाता है। उन्होंने बताया कि जीवन में आने वाली हर परिस्थिति का सामना हमें शांति और धैर्य से करना चाहिए। बुरे विचार स्वयं के अंदर नकारात्मकता को जन्म देते हैं जिससे जीवन में अशांति फैलती है।प्रमुख समाजसेवी बृजमोहन गांधी ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि वे क्रोध, ईर्ष्या और घृणा से दूर रहे। उन्होंने कहा कि सेवा और प्रेम से ही समाज में सच्चा परिवर्तन लाया जा सकता है।जो व्यक्ति दूसरों की भलाई करता है, ईश्वर उसकी सदैव सहायता करते हैं।उन्होंने कहा कि अच्छाई पर चलने वाले कभी हारते नहीं, देर-सवेर जीत उन्हीं की होती है।बृजमोहन गांधी ने समाज में शांति, भाईचारे और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अपने व्यवहार से दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना चाहिए। सकारात्मक सोच रखने वाला व्यक्ति न केवल स्वयं सुखी रहता है बल्कि दूसरों को भी प्रसन्न करता है।उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा और सेवा भाव ही सच्चे धर्म के प्रतीक हैं।बृजमोहन गांधी ने अंत में सभी से अपील की कि वे अच्छे विचार अपनाएं और समाज में प्रेम का संदेश फैलाएं।उन्होंने यह भी कहा कि इंसान की पहचान उसके कर्मों और विचारों से होती है, पद या पैसे से नहीं। इस अवसर पर उनके साथ इंद्र मोहन गांधी, चित्रा, लविश गांधी, सोनिया, मनीष दुआ, मीनू आदि उपस्थित रहे।
ना किसी का बुरा करो, ना बुरा सोचो, सदैव अच्छा ही करो : बृजमोहन गांधी
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