अररिया, 29 मई । बिना किसी पूर्व सूचना के गुरुवार को भारतीय नंबर की गाड़ियों के
प्रवेश पर नेपाल में रोक लगी रही। जोगबनी के मुख्य सीमा से भारतीय नंबर की दो पहिया,चार
पहिया सहित सभी वाहनों को नेपाल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। जिससे लंबी दूरी तक
गाड़ियों का काफिला बॉर्डर पर जमा हो गया है।
नेपाल में गाड़ियों के प्रवेश नहीं दिए जाने से भारतीय नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना
पड़ रहा है।जाम ने फंसे भारतीय वाहनों में लंबी दूरी तय कर बॉर्डर पर पहुंचने वाले वाहन भी शामिल
हैं। बॉर्डर पर अफरातफरी का माहौल के बीच तैनात भारतीय सुरक्षा एजेंसी एसएसबी वाहनों को
नियंत्रित करने के कार्य में जुटे हैं। हालांकि नेपाल के मोरंग जिला के सीडीओ (चीफ डिस्ट्रिक्ट
ऑफिसर) इंद्रदेव यादव ने बातचीत करते हुए जिला सुरक्षा समिति की ओर से ऐसा किसी तरह का
निर्णय नहीं लिए जाने की बात करते हुए मामले से अनभिज्ञता जाहिर की है। जिला प्रशासन को भी
किसी तरह की बॉर्डर को लेकर सूचना नहीं होने की बात कही।
हालांकि जब नेपाल विराटनगर भंसार प्रमुख उमेश श्रेष्ठ से बातचीत की गई तो उन्होंने नेपाल संसद
में अर्थ मंत्री विष्णु प्रसाद पौडेल के द्वारा बजट पेश किए जाने के कारण इस तरह का कदम उठाए
जाने की बात कही।उन्होंने कहा कि इंट्रीग्रेटेड चेक पोस्ट सहित सभी भंसार बिंदु पर काम बंद रहेगा।
इसके लिए भारतीय वाहन सहित सभी भंसार पास होकर आने वाले सामग्री पर रोक रहेगी। वहीं
सीमा पर तैनात एसएसबी के अधिकारियों ने अनौपचारिक बातचीत में नेपाल में भारतीय वाहनों के
प्रवेश से संबंधित किसी तरह की सूचना नहीं होने की बात कही।
उन्होंने कहा कि नेपाल के अधिकारियों द्वारा भारतीय नंबर के वाहनों पर प्रवेश पर रोक से संबंधित
किसी तरह की सूचना नहीं दिए जाने की बात कही। भारतीय नंबर के वाहनों के प्रवेश नहीं दिए जाने
से बॉर्डर पर भारतीय परेशान हैं।अररिया से पिता के इलाज के लिए निजी वाहन से नेपाल जा रहे मो.
जहांगीर ने बताया कि इनके पिता लम्बे समय से बीमार हैं। चलने में भी असमर्थ हैं, लेकिन नेपाल
पुलिस द्वारा उन्हें सीमा से वापस कर दिया गया है। अब गाड़ी को रेलवे स्टेशन पर पार्किंग में रख
कर जा रहे हैं।ऐसे कई लोग अपनी वाहनों को जोगबनी रेलवे स्टेशन पर पार्किंग कर नेपाली नंबर की
टैक्सी से नेपाल जरूरी कार्य को जाने को विवश दिखे।