Saturday, December 6, 2025
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पंजाब एक बूंद पानी हरियाणा को नहीं देग : पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश

चंडीगढ़, 05 मई । पंजाब और हरियाणा के बीच जल बंटवारे को लेकर गतिरोध के बीच

भगवंत मान सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें पड़ोसी

राज्य के लिए अपने हिस्से का एक भी बूंद पानी नहीं छोड़ने का संकल्प जताया गया।

पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान प्रस्ताव पेश

किया और इसे सदन में चर्चा के लिए रखा गया।

गोयल ने प्रस्ताव पढ़ते हुए कहा कि भाजपा हरियाणा और केंद्र में अपनी सरकारों तथा भाखड़ा ब्यास

प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के माध्यम से पंजाब के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है।

प्रस्ताव के अनुसार, “असंवैधानिक व गैरकानूनी तरीके से बीबीएमबी की बैठक बुलाकर पंजाब के हक

का पानी जबरदस्ती हरियाणा को दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा ने 31 मार्च तक

अपने हिस्से का पूरा पानी इस्तेमाल कर लिया है। अब भाजपा पंजाब का पानी हरियाणा को देना चाहती है।

प्रस्ताव में कहा गया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान मान सरकार ने पंजाब के हर खेत तक नहर से

पानी पहुंचाने का प्रयास किया है।

इसमें कहा गया, “बहुत बड़े पैमाने पर नहरों और जलमार्गों का जाल बिछाया गया है। 2021 तक

पंजाब के सिर्फ 22 प्रतिशत खेतों को नहर का पानी मिलता था। लेकिन आज पंजाब के करीब 60

प्रतिशत खेतों को नहर का पानी मिल रहा है।”

उन्होंने कहा, “इसलिए पंजाब के पानी की एक-एक बूंद पंजाब के लिए बहुत कीमती हो गई है। पंजाब

के पास अब किसी दूसरे राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।”

प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा ने छह अप्रैल को पंजाब से पीने के लिए पानी छोड़ने का अनुरोध किया

था, जिसके बाद पंजाब ने बड़ा दिल दिखाते हुए 4,000 क्यूसेक पानी दिया। इसमें कहा गया है,

“हमारे गुरुओं ने हमें सिखाया है कि किसी भी प्यासे व्यक्ति को पानी पिलाना बहुत बड़ा पुण्य है।”

गोयल ने प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि हरियाणा की आबादी तीन करोड़ है और उसे पीने तथा

अन्य मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केवल 1,700 क्यूसेक पानी की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, “अब हरियाणा कह रहा है कि उसे अचानक 8,500 क्यूसेक पानी की जरूरत है। पंजाब

के पास अपनी मांग पूरी करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने

जबरन असंवैधानिक व अवैध तरीके से बीबीएमबी की बैठक बुलाई और प्रस्ताव पारित किया कि

पंजाब को अपने हिस्से का पानी हरियाणा को देना होगा।”

प्रस्ताव में कहा गया, “यह हमें स्वीकार्य नहीं है।” इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि पंजाब

सरकार अपने हिस्से का एक बूंद पानी भी हरियाणा को नहीं देगी।

चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन किया तथा कहा

कि देने के लिये पंजाब के पास एक बूंद भी पानी अतिरिक्त नहीं है।

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