इंडिया गौरव, राहुल सीवन 14 मई । प्रमुख समाजसेवी मलक सिंह मलकी व प्रमुख समाजसेवी गुलशन राय मनोचा ने कहा कि जीवन में परिश्रम का कोई विकल्प नहीं, इसका फल सदैव मीठा होता है। जीवन में सच्ची सफलता केवल मेहनत और ईमानदारी से किए गए कार्यों से ही मिलती है। उन्होंने ‘परिश्रम का फल मीठा होता है’ इस प्रसिद्ध कहावत पर अपनी गहरी सोच और अनुभव सांझा की। उन्होंने कहा कि आज के युवा वर्ग को यह समझने की जरूरत है कि भाग्य से अधिक बल कर्म में होता है। जब व्यक्ति पूरी लगन, निष्ठा और निरंतरता से कार्य करता है, तब ही उसे मनचाहा परिणाम मिलता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मेहनत का रास्ता कठिन जरूर होता है, लेकिन उसका अंत हमेशा सुखद और संतोषजनक होता है। उन्होंने अपने जीवन के कुछ उदाहरण सांझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने भी कई बार असफलताओं का सामना किया, लेकिन हर बार हार मानने की बजाय और अधिक मेहनत की। उन्होंने कहा कि समाज में वही लोग सम्मानित होते हैं जिन्होंने अपने जीवन में कठिन परिश्रम किया होता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने क्षेत्र में मेहनत करनी चाहिए, चाहे वह पढ़ाई हो, व्यवसाय हो, सेवा हो या कला। उन्होंने कहा कि परिश्रम केवल आर्थिक या भौतिक लाभ तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह आत्मसंतोष, आत्मविश्वास और समाज में एक सकारात्मक पहचान दिलाने का भी माध्यम है। उनका यह भी मानना है कि जो व्यक्ति समय का मूल्य समझते हुए पूरी ईमानदारी से कर्म करते हैं, वे जीवन में कभी भी असफल नहीं होते।उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई बार मेहनत का फल देर से मिलता है, जिससे लोग हताश हो जाते हैं, लेकिन वास्तव में देर से मिलने वाला फल ही सबसे मधुर और स्थायी होता है। उन्होंने कहा कि सपने देखने का अधिकार सबको है, लेकिन उन्हें पूरा करने की ताकत केवल उसी में होती है जोलगातार, ईमानदारी और धैर्य के साथ परिश्रम करते है।
परिश्रम का फल मीठा होता है : समाजसेवी मलक सिंह मलकी व गुलशन राय मनोचा
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