इंडिया गौरव ब्यूरो नई दिल्ली, 26 अप्रैल । वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों से संबंधित मामलों के एक
याचिकाकर्ता ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हिंसा और विभाजन भड़काने
वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का आग्रह किया।
अधिवक्ता गुरलाद सिंह केहलों के पत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के
महत्व पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि हत्याओं ने दुख और आक्रोश की लहर फैला दी
है, तथा जीवन की नाजुकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए लगातार खतरों को उजागर किया है।
उन्होंने कहा कि पहलगाम नरसंहार संभावित बाहरी और आंतरिक प्रभावों के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है।
उन्होंने तर्क दिया कि हिंदुओं और सिखों पर हमलों को उचित ठहराने वाली टिप्पणियां पाकिस्तान
की आईएसआई और सेना जैसी बाहरी ताकतों द्वारा प्रचारित विमर्शों से परेशान करने वाली हद तक मेल खाती हैं।
पत्र में कहा गया है कि इन कार्रवाइयों से भय और शत्रुता का माहौल पैदा होता है, तथा निर्दोष
नागरिक आतंकवाद का निशाना बनते हैं।
उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि वह हिंसा और विभाजन की भावनाओं को भड़काने
वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें, क्योंकि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा
देना सबसे महत्वपूर्ण है।
वकील ने सभी समुदायों के लिए न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाहरी प्रभावों का
मुकाबला करने के लिए एकजुट प्रयास का आह्वान किया।