नई दिल्ली, 23 मई । कड़कड़डूमा की स्पेशल कोर्ट ने फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े
चार अलग-अलग मामलों में 30 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इन मामलों में तीन
हत्याएं और एक मेडिकल शॉप में लूटपाट और आगजनी शामिल थी। अदालत ने एक हफ्ते में चार
अलग-अलग दिनों में यह फैसला सुनाया। फरवरी 2020 में नागरिकता संसोधन कानून के विरोध
प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के नोर्थ ईस्ट इलाके में हुई हिंसा और दंगों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर
रही कड़कड़डूमा की स्पेशल कोर्ट ने हाल ही में 4 अलग-अलग एफआईआर में 30 लोगों को सबूतों के
अभाव में बरी कर दिया। इन एफआईआर में तीन लोगों की हत्या और एक मेडिकल शॉप में लूटपाट
और आगजनी शामिल थी। कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने 13 मई,
14 मई, 16 मई और 17 मई को एक सप्ताह में 4 बार बरी करने के आदेश पारित किए। इनमें
गोकलपुरी थाने में दर्ज एफआईआर 37/2020, 36/2020 और 114/2020 के साथ-साथ करावल नगर
थाने में दर्ज एफआईआर 64/2020 में भी आरोपियों को बरी किया गया है। बरी किए गए लोगों में
लोकेश कुमार सोलंकी, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी, प्रिंस, पवन कुमार, ललित कुमार,
ऋषभ चौधरी, जतिन शर्मा, विवेक पांचाल, हिमांशु ठाकुर, टिंकू अरोड़ा, संदीप कुमार, साहिल, मुनेश
कुमार, सुमित, पप्पू, विजय अग्रवाल, सौरव कौशिक, भूपेन्द्र पंडित, शक्ति सिंह, सचिन कुमार, राहुल,
योगेश शर्मा, अमन, विक्रम, राहुल शर्मा, रवि शर्मा, दिनेश शर्मा और रणजीत राणा शामिल हैं।

