Sunday, December 7, 2025
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पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की मौत की अफवाह पर पाकिस्तान में हड़कंप, सरकार को देना पड़ी सफाई

कराची, 11 मई (वेब वार्ता)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सोशल मीडिया पर

दावा किया गया कि उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सोशल मीडिया पर उनके घायल होने

के वीडियो तक वायरल होने लगे। घटना के दावे के बाद पूरा बवाल मच गया। वहीं पाकिस्तान की

सरकार ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि जेल में बंद इमरान खान सुरक्षित हैं।

इधर, इस्लामाबाद हाई कोर्ट परिसर में मीडिया से बात करते हुए गंदापुर ने पीटीआई पार्टी के

संस्थापक को मुस्लिम उम्मा (समुदाय) का नेता बताया और न्याय की उम्मीद जताई। उन्होंने देश में

कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि उन्होंने न्याय पाने के लिए सभी

दरवाजे खटखटाए हैं।

गंदापुर ने याचिका में तर्क दिया कि राजनीति से प्रेरित मामलों के कारण खान को लंबे समय तक

हिरासत में रखना पीटीआई संस्थापक के मूल अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस तरह

की हिरासत से बचने के लिए संविधान में पेरोल पर रिहा कराने का उपाय है। याचिकाकर्ता ने कहा

कि लंबे समय तक हिरासत में रहने से खान की सेहत बिगड़ने का खतरा है। याचिका में यह भी कहा

गया है कि इमरान खान ने जेल में रहने के दौरान वहां का कोई नियम नहीं तोड़ा है।

सरकार ने कहा कि लोगों को अफवाहों के प्रति सचेत रहना चाहिए। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी

विदेश मंत्रालय की एक फर्जी रिलीज वायरल हो रही थी। इसमें कहा गया था कि इमरान खान की

न्यायिक हिरासत में ही मौत हो गई है। उनकी मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसकी जांच की जा

रही है। रिलीज में यह भी कहा गया कि सरकार घटना की गंभीरता को समझती है और पूरी

पारदर्शिता के साथ उनकी मौत की वजह का पता लगाया जाएगा। इस फर्जी रिलीज में कहा गया,

पाकिस्तान हमेशा ही जीवन के मूल्य को समझता है और कानून पर विश्वास रखता है। मानवाधिकार

की रक्षा खास तौर पर कस्टडी में, पाकिस्तान की सरकार सिद्धांत है। सरकार यूएन के मानवाधिकार

संस्थानों और स्वतंत्र पर्यवेक्षकों के जरिए घटना की निष्पक्ष जांच करवाएगा।

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में खान की रिहाई के

लिए अपील की है। पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कस्टडी में इमरान खान के जीवन को खतरा

है। वहीं लंबे समय से जेल में रहने की वजह से उनका स्वास्थ्य भी बहुत बिगड़ गया है। खान (72)

को अनेक मामलों में 2023 के मध्य से रावलपिंडी की अदियाला जेल में रखा गया है।पार्टी ने कहा,

इमरान खान की रिहाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है। केपी के

मुख्यमंत्री अली अमीन ने एक आवेदन दायर किया है। इसमें कहा गया, यह अनुरोध किया गया है

कि भारत के साथ मौजूदा युद्ध की स्थिति को देखते हुए, राष्ट्रीय सद्भाव और एकजुटता के लिए

और अदियाला जेल में ड्रोन हमले की आशंका के कारण, उन्हें तुरंत पैरोल/परीवीक्षा पर रिहा किया जाए।

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