लुप्त हो रही नदियों को दोबारा से पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ो रुपए की लगात से सरस्वती नदी पर किया जा रहा घाटों का निर्माण व सौन्दर्यकरण..
पोलड़ गांव के प्राचीन संस्कृत मंदिर पर मनाया गया सरस्वती महोत्सव..
सीवन, 1 फरवरी: हरियाणा प्रदेश घुमंतु जाति प्रकोष्ठ के संयोजक एवं पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने कहा कि हरियाणा सरकार प्राचीन संस्कृति को संजोए रखने के लिए बेहतरीन कार्य कर रही है। लुप्त हुई नदियों को दोबारा से पुनर्जीवित करने के लिए करोड़ो रुपए की धनराशि से सरस्वती नदी पर घाटों के निर्माण के साथ साथ सौन्दर्यकरण का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में देश व प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा रहा है।पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर शनिवार को बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर पोलड़ गांव के प्राचीन संस्कृत मंदिर पर आयोजित सरस्वती महोत्सव कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। इससे पहले उन्होंने मंदिर परिसर में यज्ञ में आहूति डालकर पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी का इतिहास बहुत ही पुराना है, इसलिए हमें इस बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। सरस्वती नदी यमुनानगर के आदिबद्री से शुरू होकर अरब सागर में पहुंचती है। इसके बीच में लगभग 633 धार्मिक स्थल आते हैं और हरियाणा की बात करें तो 444 धार्मिक स्थान सरस्वती नदी के तट पर है। लुप्त हुई सरस्वती नदी को फिर से पुनर्जीवित करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2015 में सरकार ने हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड का गठन किया। उन्होंने कहा कि गंगा यमुना और सरस्वती का संगम प्रयागराज में होता है जहां महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। यदि हमें अपनी नदियों को बचाना है तो हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। पोलाड़ गांव के आसपास लगभग 2 करोड़ 72 लाख रुपए की धनराशि से स्टोन पीचिंग का कार्य भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हरियाणा प्रदेश को एक नई दिशा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं। इन्हीं के नेतृत्व में गुहला विधानसभा क्षेत्र में भी हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखा जाएगा। उन्हें शिक्षा, चिकित्सा, सड़कों व अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएगी। उन्होंने पहले किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के सीईओ कुमार सुप्रवीण ने कहा कि लुप्त होती सरस्वती नदी को दोबारा से पुनर्जीवित करने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। हरियाणा सरकार द्वारा आदि बद्री में एक डैम बनाया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 38 करोड़ होगी। इसके नीचे सरस्वती बैराज पर लगभग 250 एकड़ में विशाल जलास्य भी तैयार किया जाएगा। हरियाणा में यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, फतेहाबाद व सिरसा जिले में से सरस्वती नदी निकलती है। छह जगहों पर अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव के अंतर्गत कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे हैं।
पोलड़ गांव के प्राचीन संस्कृत मंदिर पर मनाया गया सरस्वती महोत्सव..



