इंडिया गौरव ब्यूरो कैथल, 16 अप्रैल। उप कृषि निदेशक डॉ. बाबू लाल ने बताया कि गांव पट्टी चौधरी, टीक, सेगा, काकोत, सोंगरी, कलायत, कोलेखां, डुडंवा, पिलनी व रावणहेड़ा में गेंहू फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किसान जागरुकता अभियान व जागरूकता रैलियों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, कैथल की टीम ने किसानों से अपील करते हुए कहा की गेंहू की कटाई उपरांत बचे हुए अवशेषों व भूसा/तुड़ा बनाने के बाद बिल्कुल भी आग न लगाएं। गेंहू की कटाई उपरांत बचे हुए अवशेषों को खेतों में इन-सीटू तकनीक से जमीन की उर्वरता शक्ति बढ़ाएं।उपमंडल कृषि अधिकारी कैथल डॉ सतीश कुमार नारा ने किसानों को बताया कि जिला उपायुक्त द्वारा जारी किए गए आदेशों के तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा सहितां, 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत समस्त कैथल जिले में गेंहू की फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। अगर कोई किसान फसल अवशेषों का भूसा/तुड़ा बनाने उपरांत जलाते हुए पाया गया तो भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 व संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दो एकड़ तक 5000 रुपये, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार रुपये तथा पांच एकड़ से अधिक पर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना व एफ आई आर के साथ मेरी फसल मेरी ब्योरा में मुरबा/किला न. की रेड इंट्री दर्ज की जाएगी। इसके अलावा किसान अगले दो सीजन तक अपनी फसल को एमएसपी पर नहीं बेच सकेगा। इन आदेशों की अवहेलना करते हुए यदि कोई किसान दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय न्याय सहिंता के तहत दंड का पात्र होगा। दोषी पाये जाने पर कारवाई की जाएगी। इसके साथ जल शक्ति अभियान के तहत पानी को बर्बाद होने से कैसे बचाए के बारे में किसानों के साथ जानकारी सांझा की।
फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत किया गया किसान जागरुकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन :उप कृषि निदेशक डॉ. बाबू लाल
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