ढाका, 20 दिसंबर (वेब वार्ता)। बांग्लादेश ने शनिवार को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच छात्र नेता और
इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी को अंतिम विदाई दे दी है। ढाका स्थित राष्ट्रीय संसद
भवन के साउथ प्लाजा में दोपहर 2 बजे उनकी जनाजे की नमाज अदा की गई, जिसके बाद उन्हें
राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम की समाधि के पास दफना दिया गया। हादी की हत्या ने पूरे देश
को झकझोर दिया है। 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में चुनाव अभियान शुरू करते समय
नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मार दी थी। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए
सिंगापुर ले जाया गया था, जहां एक सप्ताह बाद उनकी मौत हो गई। हादी को अंतिम विदाई देने
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी पहुंचे थे।
हादी के सम्मान में बांग्लादेश सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया था। वे पिछले
साल हुए छात्र-आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना
सरकार के पतन में अहम भूमिका निभाई थी। अपनी मौत से पहले हादी फरवरी में होने वाले आम
चुनावों में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उतरने की तैयारी कर रहे थे। उनकी लोकप्रियता खासकर युवाओं
और छात्रों के बीच काफी थी। यही वजह है कि उनके अंतिम संस्कार में भारी भीड़ उमड़ी थी।
शरीफ उस्मान हादी को अंतिम विदाई
बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा के सामने का मैदान पहले से ही
लोगों से भरा हुआ था। वे छोटे-छोटे ग्रुप में बंट गए थे और “हम सब हादी बनेंगे, हम सदियों तक
लड़ेंगे,” “हादी भाई का खून बेकार नहीं जाएगा,” और “दिल्ली हो या ढाका, ढाका ढाका” जैसे नारे
लगा रहे थे। इस दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए ढाका विश्वविद्यालय प्रशासन
ने एहतियातन कैंपस के सभी प्रवेश द्वार बंद कर दिए थे। सेना के जवानों के साथ पुलिस, रैपिड
एक्शन बटालियन (आरएबी) और अंसार बल की बड़ी टुकड़ियां भी सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ने से रोकने
के लिए तैनात थीं। ड्रोन उड़ाने पर भी रोक लगाई गई थी, ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका
जा सके।
दफन की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई थीं। नजरुल समाधि चत्तर पर करीब साढ़े ग्यारह बजे कब्र
खोदने का काम शुरू हुआ और धीरे-धीरे लोगों की भीड़ जुटती चली गई। अंतिम दर्शन के दौरान कई
लोग भावुक हो उठे और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। हादी की हत्या ने एक बार फिर बांग्लादेश
में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल की नाजुक बना दिया है। बांग्लादेश में फरवरी 2026
में चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले लगातार स्थिति के तनावपूर्ण रहने की आशंका है।

