ऋषिकेश, 08 जून । सुभाष बनखंडी श्रीरामलीला कमेटी के सदस्यों सहित 23 लोगों पर हुए
मुकदमे को लेकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई। लोगों ने ऋषिकेश कोतवाली में प्रदर्शन कर
मुकदमे को फर्जी बताया। उन्होंने शीघ्र मुकदमा खारिज करने की मांग की। रविवार को बनखंडी और
आसपास के लोगों ने सात पार्षदों के नेतृत्व में ऋषिकेश कोतवाली में प्रदर्शन किया। स्थानीय पार्षद
सिमरन उप्पल ने कहा कि सुभाष बनखंडी श्री रामलीला कमेटी के अंतर्गत रामलीला सामुदायिक भवन
29 मई को जन हित में खोला गया था, लेकिन बालीपाल नाम के व्यक्ति ने आम लोगों और
रामलीला कमेटी के पदाधिकारीयों पर झूठा और निराधार मुकदमा दर्ज करवा दिया।
23 लोगों पर सामुदायिक भवन का ताला तोड़ने, परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे क्षतिग्रस्त करने और
अंदर से दस्तावेज निकालने का झूठा आरोप लगाया गया। जिस व्यक्ति ने मुकदमा करवाया है,
उसका समिति व रामलीला सामुदायिक भवन से कोई संबंधनहीं है। पुलिस ने भी बगैर जांच किए
मुकदमा दर्ज कर दिया। यह कहीं ना कहीं किसी बड़े राजनीतिक दबाव और षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत
होता है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी देते हुए मुकदमा वापस लेने की
मांग की। प्रदर्शन करने वालों में पार्षद सिमरन उप्पल, चेतन चौहान, संध्या बिष्ट गोयल, प्रिंस
मनचदा, राजेंद्र प्रेम सिह बिस्ट, लव कांबोज, अजय दास, जितेंद्र पाल पाठी, सतबीर सिंह तोमर,
एकांत गोयल, आलोक चावला, रवि बिष्ट, अनिरुद्ध शर्मा, मयंक भट्ट, रवि कुमार संदीप प्रजापति,
रंजीत सिंह धामी, अनुज कुमार, नीतीश जैन, दिव्या पाल, गुलशन पाल, कविता पाल, रोशनी पाल,
काजल पाल, गीता पाल, अंशुल रावत, सुमित रावत, प्रिंस पूहाल, रूपम गंगा त्यागी, मयंक शर्मा
,अमन निषाद, दीपक राणा, देवेंद्र नेगी, मुकेशराज सिंह, संदीप अतवारिया, हरिराम अरोड़ा, योगेश
कालरा, जितेंद्र पाल, अभिनव पाल, अशोक थापा, रोहतास पाल, हुकुमचंद रणवीर सिंह, सुशील पाल,
संदीप त्यागी, नीतीश पाल, प्रतीक पाल, अंकुश मौर्य, साहिल आर्यन, विमल शर्मा, विमल शर्मा, विशु
पाल, गुलशन जगा, पंकज जग्गा आदि शामिल रहे।